मऊ जिले में दूर होगी सिपाहियों की बड़ी परेशानी, शासन ने दी मंजूरी

यूपी के मऊ जिले में अब सिपाहियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल,…

जाने क्यों CM योगी ने IPS प्रशांत कुमार को दी UP पुलिस के मुखिया की जिम्मेदारी

अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है। खबरों की मानें कि उन्हें ये जिम्मेदारी देने की वजह उनका काम और उनकी कार्यशैली है। योगी सरकार की तरफ से जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी गई, तो आईपीएस प्रशांत कुमार ने उसे बखूबी निभाया, इसी वजह से एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिलाया है।

अपराध को किया खत्म

जानकारी के मुताबिक, एक समय था, जब पश्चिमी यूपी में अपराध और अपराधियों का बोलबाला था। ऐसे में योगी सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले आईपीएस प्रशांत कुमार को मेरठ का एडीजी बनाया। बस फिर क्या था, वहां उनके नेतृत्व में पुलिस विभाग ने सख्ती बरतना शुरू की और कई बड़े इनामी अपराधियों को ना सिर्फ मार गिराया। इन मुठभेड़ों की खास बात ये थी कि, आईपीएस प्रशांत कुमार खुद कई एनकाउंटर में शामिल रहे। प्रदेश भर में उनके नेतृत्व में 300 से ज्यादा एंकाउंटर हुए हैं।

हाल ही में मिला प्रमोशन

उनकी इसी कार्यशैली को देखने के बाद उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई, जो कि अब तक वह बखूबी निभा रहे हैं। इसी के चलते यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्होंने वो हर काम किया, जो किया जा सकता है। उनके अच्छे काम के चलते उन्हें हाल ही में प्रमोशन देकर डीजी बनाया गया था। अब जब कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है, तो एक बार फिर उनका अलग अंदाज देखने को मिल सकता है।

कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।

क्या एक बार फिर UP Police को मिलेगा कार्यवाहक DGP ? कयासों का दौर जारी

आगामी 31 जनवरी को यूपी के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से लोगों के जहन में ये सवाल चलने लगा है कि इस बार यूपी पुलिस की कमान किसके हाथ में जाएगी। लोगों ने तो अपने -अपने हिसाब से कयास भी लगाना शुरू कर दिए हैं। बड़ी बात ये ही कि शायद इस बार भी यूपी को कार्यवाहक डीजीपी ही मिलेगा।

फिर मिलेगा कार्यवाहक मुखिया

सुत्रों से ये खबर सामने आ रही है कि, राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव नहीं भेजा है, जिसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाए जाने के आसार हैं। ऐसे में एक बार फिर से मुकुल गोयल के बाद आनंद कुमार सबसे वरिष्ठ होने की वजह से दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि वरिष्ठता सूची में 19वें स्थान पर आने वाले डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का पलड़ा भारी माना जा रहा है।

इनका नाम भी रेस में

खबरों की मानें डीजीपी का पद आनंद कुमार को दिया जा सकता है क्योंकि आनंद कुमार इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इसके साथ ही योगी सरकार में उन्होंने लंबे समय तक एडीजी एलओ का कार्यभार बेहतर ढंग से संभाला था। इसके साथ ही दूसरे नंबर पर 1989 बैच के पीवी रामा शास्त्री और तीसरे नंबर पर 1990 बैच के आईपीएस एसएन साबत हैं।

वर्तमान समय में आईपीएस रामा शास्त्री इस समय प्रतिनियुक्ति पर डीजीपी पीएसएफ हैं। वह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं। वहीं एसएन साबत इस समय डीजी जेल के पद पर कार्यरत हैं। इनमे से भी शासन किसी एक आईपीएस का चयन डीजीपी के पद के लिए कर सकता है।

Republic Day 2024: 56 अपराधियों का एनकाउंटर करने वाले IG DEEPAK KUMAR को मिला ये सम्मान

उत्तर प्रदेश ने जाबांज अफसरों की कमी नहीं हैं। ऐसे में आज गणतंत्र दिवस के दिन उन्हीं जाबांज अफसरों को सम्मानित किया जा रहा है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में शानदार काम किया है। इस लिस्ट में आईजी दीपक कुमार का नाम शामिल हैं। आईजी दीपक कुमार को मेरिटोरियस सर्विस मेडल (MSM ) से आज सम्मानित किया जा रहा है। आईपीएस दीपक कुमार यूपी पुलिस के ऐसे बहादुर अधिकारी हैं, जो अब तक 56 से भी ज्यादा बदमाशों को ढेर कर चुके हैं। दीपक काफी सख़्त पुलिस ऑफिसर माने जाते हैं। वे वर्तमान में आगरा रेंज के आईजी हैं।

कौन हैं दीपक कुमार

जानकारी के मुताबिक, बिहार के बेगूसराय में दीपक कुमार का जन्म हुआ। किसान परिवार में जन्में दीपक की पढाई-लिखाई भी बेगूसराय में ही हुई। गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ाई करने के बाद वो ग्रेजुएशन के लिए बनारस चले गए। दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान वो पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन उनकी रुचि सिविल सर्विस की तरफ हुई तो उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की। दीपक 2005 बैच के IPS अधिकारी है। भले ही एक समय वो पत्रकार बनना चाहते हो, लेकिन आज के समय में उनका नाम प्रदेश के सबसे ईमानदार, जाबांज, और कर्मठ अफसरों में लिया जाता है। अगर इनके करियर की बात करें तो दीपक कुमार सबसे पहले 2003 में दिल्ली कैडर में सिलेक्ट हुए थे। उनको दिल्ली पुलिस में एसीपी बनाया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने ने सिविल सर्विस का एग्जाम दिया और 2005 में IPS में सेलेक्ट हुए। साल 2007 में उन्हें गाजियाबाद का एएसपी बनाया गया जहां उनकी एक अलग पहचान बनी। काम के समय बेहद सख्त दिखने वाले दीपक कुमार, काफी नरम मिजाज के अफसर हैं। लोगों की समस्या का निस्तारण उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है।

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लखनऊ में किया शानदार काम

इनके कार्यकाल की बात करें तो दीपक कुमार गाजियाबाद के अलावा अयोध्या, अलीगढ़ कई जिलों में पोस्टेड रहे। साल 2017 में योगी सरकार बनते ही उन्हें राजधानी लखनऊ में पोस्टिंग मिली तो वो वहां अपने कामों को लेकर काफी मशहूर हुए। मुहर्रम के जुलूस को लेकर लखनऊ में हर साल हिंसा की खबरें आती थी, लेकिन दीपक कुमार ने अपनी समझदारी से मुहर्रम के जुलूस का रूट बदल दिया जिससे तनाव काफी कम हो गया। इस वजह से पूरे प्रदेश ने उनकी काफी तारीफ हुई थी। उन्हें डीजीपी के प्रशंसा चिन्ह से भी सम्मानित किया गया था।

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बदमाशों को भी किया ढेर

उन्होंने अपने कार्यकाल में 50 से ज्यादा बदमाशों को ढेर किया है। एक समय जब राज्य में बांग्लादेशी गिरोह तेजी से फैल रहा था, उस वक्त दीपक कुमार इस गिरोह की पूरी तरह से जड़ें खोद डाली। इसके अलावा राजस्थान के बावरिया गैंग का भी उत्तर प्रदेश से उन्होंने पूरी तरह से खात्मा किया। फिलहाल वो आईजी पद पर तैनात हैं। इसी साल जनवरी वह डीआईजी से प्रमोट करके आईजी बने। वर्तमान समय में वो आगरा रेंज के आईजी पद पर तैनात हैं।

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Lucknow: विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर जानलेवा हमला, वर्दी फाड़ने के बाद सिपाही को जमकर पीटा

जो पुलिस लोगों की सुरक्षा में सदैव तत्पर रहती है, आज के समय में उन्हीं पर कई जगहें हमलों की खबरें सामने आती रहती हैं। ताजा मामला लखनऊ जिले का है, जहां मकान मालिक और किरायदारों के बीच हुए झगड़े को सुलझाने के लिए पहुंची पुलिस पर ही लोगों ने हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों की वर्दी फाड़ दी और सिपाही को मजकर पीटा। खबर मिलते ही अतिरिक्त पुलिस फोर्स वहां पहुंची, तब जाकर मामले को शांत कराते हुए आरोपी को पकड़ लिया गया। अभी कई आरोपी फरार है।

ये था मामला

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में शिवम, विजय ने देवपुर पारा निवासी राजकुमार के मकान में दुकान किराए पर ली थी। इस दुकान का तीन साल का एग्रीमेंट था। यह अक्तूबर 2024 में पूरा होना है। इसके बाद भी राजकुमार के लड़के करन दुकान खाली करने का दबाव बना रहे थे। इसी बीच पीड़ितों ने कोर्ट की भी मदद लेने की कोशिश की। इसी मामले में कुछ दिन पहले मलिहाबाद निवासी मोबाइल कारीगर शिवम गौतम, पारा निवासी डेयरी संचालक विजय सिंह ने आईजीआरएस में शिकायत की थी। इस शिकायत में कहा गया था कि देवपुर पारा निवासी राजकुमार रावत का बेटा करण उनकी दुकान को जबरन खाली करा रहा है।

पुलिसकर्मियों की हुई पिटाई

इसी शिकायत की वजह से पुलिस टीम विवादस्थल पर पहुंची। इस दौरान वहां शिवम, विजय संग करन, परिवार वाले झगड़ा कर रहे थे। उन्हें दरोगा और सिपाही ने रोकने का प्रयास किया तो करन रावत ने दरोगा पर हमला कर दिया। भाई अर्जुन ने झपटकर दरोगा राज की वर्दी फाड़ दी। सिपाही मोहित ने आरोपियों को रोकने का प्रयास किया। इसके साथ ही करन की बहन कंचन, बहनोई अनिल ने सिपाही से मारपीट की। फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपी वहां से फरार हो गए। ऐसे में बाकियों की तलाश जारी है।

Gorakhpur: दबिश के दौरान दरोगा ने की महिला सिपाही से बदसलूकी, हुआ सस्पेंड

जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करके कई अभियान चला रही है वहीं कुछ पुलिसकर्मी उनकी मेहनत पर पलीता लगा रहे हैं। मामला गोरखपुर जिले का है जहां एक दरोगा ने दबिश के दौरान महिला सिपाही से ही बदसलूकी कर दी। जब मामला अफसरों तक पहुंचा तो दरोगा को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई। एसएसपी का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाने का है। जहां सिकरीगंज इलाके में महिला अपराध से जुड़े एक मामले में पिछले दिनों थाने पर तैनात दरोगा सरवर आलम दो महिला कांस्टेबल के साथ दबिश देने दूसरे जिले में गए थे। महिला सिपाही का आरोप है कि इसी दबिश के दौरान दरोगा ने उन के साथ बदसलूकी की। महिला कांस्टेबल ने इसकी शिकायत थानेदार से की थी। थानेदार के बाद मामला सीओ तक पहुंचा और फिर एसएसपी तक।

शुरू हुई विभागीय जांच

जिसके बाद एसएसपी ने सीओ की रिपोर्ट के आधार पर दरोगा सरवर आलम को सस्पेंड कर दिया। दरोगा के निलंबन के बाद उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि यदि मामला सही पाया जाता है तो दरोगा के खिलाफ आगे और सख्त कार्रवाई हो सकती है।

मौका कहीं चूक ना जाए, यातायात पुलिस के 2287 रिक्त पदों पर होगी तैनाती

डीजीपी विजय कुमार ने हाल ही में सभी एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर यातायात पुलिसकर्मियों के नामांकन,चयन,प्रशिक्षण,नियुक्ति और स्थानांतरण आदि के संबंध में जारी सभी आदेशों को अतिक्रमित करते हुए नए आदेश जारी किए हैं।

डीजीपी मुख्यालय यातायात पुलिस में रिक्त चल रहे मुख्य आरक्षी और आरक्षी के 2287 पदों को भरने की तैयारी में है। इसके लिए सभी एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर से नागरिक पुलिस के मुख्य आरक्षी और आरक्षी मांगे गये हैं। इनको प्रशिक्षण देने के बाद जिलों में तैनात किया जाएगा। इससे कमिश्नरेट और जिलों में होने वाली जाम की समस्या से खासी राहत मिल सकती है।

बता दें कि डीजीपी विजय कुमार ने हाल ही में सभी एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजकर यातायात पुलिसकर्मियों के नामांकन, चयन, प्रशिक्षण, नियुक्ति और स्थानांतरण आदि के संबंध में जारी सभी आदेशों को अतिक्रमित करते हुए नए आदेश जारी किए हैं।

इन पदों को भरने के लिए 35 वर्ष से कम आयु

दरअसल, प्रदेश के समस्त कमिश्नरेट एवं जिलों में नागरिक पुलिस से यातायात पुलिस के लिए मुख्य आरक्षी के 1512 और आरक्षी के 4336 पद आवंटित हैं। यातायात निदेशालय द्वारा जिलों से प्राप्त सूचना के मुताबिक इनमें मुख्य आरक्षी के 100 पद और आरक्षी के 2187 पद रिक्त चल रहे हैं। इन पदों को भरने के लिए 35 वर्ष से कम आयु के आरक्षी और 55 वर्ष से कम उम्र के मुख्य आरक्षी मांगे गए हैं। इनका चयन ज्येष्ठता के आधार पर किया जाएगा। कर्मियों के चयन के दौरान उनके ओवरवेट नहीं होने का खास ध्यान रखने को कहा गया है।

सातों कमिश्नरेट में आरक्षियों की कमी

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सातों कमिश्नरेट में आरक्षी के पद रिक्त चल रहे हैं, जबकि मुख्य आरक्षी स्वीकृत पदों से ज्यादा तैनात हैं। लखनऊ में 119 मुख्य आरक्षियों की जगह 162 तैनात हैं। जबकि 495 आरक्षी में से 171 पद रिक्त हैं। गौतमबुद्धनगर में 87 की जगह 227 मुख्य आरक्षी तैनात हैं, जबकि 179 आरक्षी के पद रिक्त हैं।

क्या कितने पद

कानपुर में भी 38 की जगह 227 मुख्य आरक्षी हैं, जबकि आरक्षी के 117 पद रिक्त हैं। वाराणसी में 78 की जगह 110 मुख्य आरक्षी हैं, जबकि आरक्षी के 104 पद रिक्त हैं। आगरा में 73 की जगह 168 मुख्य आरक्षी तैनात हैं, जबकि आरक्षी के 161 पद रिक्त हैं। प्रयागराज में 60 की जगह 94 मुख्य आरक्षी हैं, जबकि आरक्षी के 104 पद रिक्त हैं। गाजियाबाद में 78 के बजाय 260 मुख्य आरक्षी हैं, जबकि आरक्षी के 31 पद रिक्त

 

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कानून व्यवस्था को चुस्त करने के लिए SP ने दौड़ाई तबादला एक्सप्रेस… 15 निरीक्षक व उप निरीक्षकों को किया इधर से उधर

उत्तर प्रदेश में इस समय जहां लोकसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी है तो ऐसे में चुनावों से पूर्व कानून व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त बनाए रखने के लिए कई जिलों में लंबे समय से एक ही थाने व चौकियों पर तैनात पुलिसकर्मियों के तबादले कर उन्हें ईधर ऊधर किया जा रहा है। खबर यूपी के गाजीपुर से है, जहां एसपी ओमवीर सिंह ने 15 निरीक्षक व उप निरीक्षकों को इधर से उधर किया है। एसपी की कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

यहां देखें किसे मिली कहां तैनाती

एसपी द्वारा जारी तबादला एक्सप्रेस की सूची में निरीक्षक दीनदयाल पांडे को पुलिस लाइन से गाजीपुर कोतवाली की कमान सौंपी गई है वही सदर कोतवाली की कमान संभाल रहे अशेषनाथ सिंह गैर जनपद के लिए पुलिस लाइन स्थानांतरित किया गया है। वही निरीक्षक श्याम जी यादव को पुलिस लाइन से प्रभारी निरीक्षक जमानिया की कमान सौंपी गई है वहीं प्रभारी निरीक्षक जमानिया महेंद्र सिंह को प्रभारी निरीक्षक सैदपुर बनाया गया है वहीं निरीक्षक पवन कुमार उपाध्याय को गहमर से प्रभारी निरीक्षक दिलदारनगर की कमान सौंपी गई है वही प्रभारी डीसीआरबी अशोक कुमार मिश्रा को प्रभारी निरीक्षक गहमर की कमान सौंपी गई है वहीं उप निरीक्षक कमलेश कुमार को पुलिस लाइन से थाना अध्यक्ष शादियाबाद का प्रभार दिया गया है वही उप निरीक्षक कृपेंद्र प्रताप सिंह को थाना अध्यक्ष बहरियाबाद से पुलिस लाइन के लिए स्थानांतरित किया गया है वहीं उप निरीक्षक राजू त्रिपाठी चौकी प्रभारी विशेश्वरगंज को थाना अध्यक्ष रेवतीपुर तथा उप निरीक्षक शैलेश मिश्रा को थानाध्यक्ष करीमुद्दीनपुर से पीआरओ पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। वहीं उप निरीक्षक वागीश विक्रम सिंह को मॉनिटरिंग सेल से थाना अध्यक्ष मर्दा की कमान सौंपी गई है वहीं उप निरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह को थाना सुहवल से थाना अध्यक्ष का करीमुद्दीनपुर की कमान सौंपी गई है। वही निरीक्षक वीरेंद्र कुमार प्रभारी यूपी 112 को प्रभारी निरीक्षक बहरियाबाद के कमान सौंपी गई है। वही निरीक्षक विजय प्रताप सिंह को प्रभारी चुनाव सेल से प्रभारी थाना अध्यक्ष नोनहरा की कमान सौंपी गई है। वहीं उप निरीक्षक भूपेंद्र निषाद चौकी प्रभारी गोरा बाजार को थाना अध्यक्ष नगसर की कमान सौंपी गई है । उप निरीक्षक संतोष राय को थाना अध्यक्ष नोनहरा से थाना अध्यक्ष सुहवल बनाया गया है।

नशे में धुत पुलिस कांस्टेबल ने गरीब के ठेले पर किया पेशाब, वीडियो वायरल होने पर सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के कानपुर में इन दिनों लगातार कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिन मामलो में पुलिस की साख पर सवाल खड़े किए हैं. अब ताजा मामला भी सामने आया जिसने फिर खाकी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस कर्मियों की एक शर्मनाक करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वायरल वीडियो में नशे में धुत दो व्यक्ति में से एक व्यक्ति सड़क किनारे खड़े ठेके पर पेशाब करता नजर आ रहा है. वायरल वीडियो के साथ ये कहा गया कि पेशाब कर रहा व्यक्ति पुलिसकर्मी है और उसका एक साथी भी पुलिस कर्मी है.

वायरल वीडियो की जांच में सामने आया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति डायल 112 के कांस्टेबल हैं. जिसके बाद दोनों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है और साथ ही मामले की विभागीय जांच भी शुरू हो गई है. वायरल हुआ वीडियो ग्वालटोली थाना क्षेत्र स्थित ग्रीनपार्क चौराहे के पास का है बताया जा रहा है. जहां सोमवार देर रात पीआरवी 112 में तैनात दो कांस्टेबल शराब के नशे में बिना वर्दी के घूम रहे थे. इसी दौरान एक कांस्टेबल एक दुकानदार के बंद ठेले पर पेशाब करने लगा. ठेले पर पेशाब करता देख स्थानीय दुकानदारों ने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया. लोगों ने कांस्टेबल की इस करतूत का वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया.जिस पर कांस्टेबल के साथी ने विरोध शुरू कर दिया और गाली गलौज शुरू कर दिया. यह मामला जैसे तैसे शांत हुआ पर लोगों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

वहीं इस मामले को लेकर एडीसीपी लाखन सिंह ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वीडियो बीते 2 नवंबर का है जो संज्ञान में आया है. इस वीडियो में देखा कि दो व्यक्तियों के साथ कई अन्य लोग भी थे. सभी आपस में गाली-गलौज करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में यह भी देखा गया कि एक व्यक्ति ठेले पर पेशाब करते हुए देखा गया. एसीपी कलक्टरगंज की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है, इनके नाम कांस्टेबल हेमंत कुमार और लोकेश राजपूत हैं. एसीपी कलक्टरगंज की रिपोर्ट के आधार पर दोनों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही विभागीय जांच भी कराई जाएगी. इसकी शुरूआती जांच प्रचलित है, जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी