अयोध्या आ रहे राम भक्तों से लखनऊ के एडीजी ने की खास अपील

उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी में जब से भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बना है, तब से वहां भक्तों का तांता लगा है। लोग भारी तादाद में रामलला के दर्शन को वहां पहुंच रहे हैं। हर दिन अयोध्या में लाखों लोगों का आवागमन हो रहा है। बावजूद इसके पुलिस विभाग ने वहां की व्यवस्था को काफी अच्छी तरह से संभाल रखा है। इसी क्रम में अब एडीजी लखनऊ जोन पीयूष मोदिया ने अयोध्या आने वाले भक्तों से खास अपील की है। उन्होंने सभी से पुलिस का सहयोग करने का भी अनुरोध किया है।

एडीजी ने की अपील

जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के एडीजी ने अनुरोध करते हुए लोगों से कहा है कि, मैं श्रद्धालुओं से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे दर्शन के लिए आते समय अपने सूटकेस और बैग न लाएं और उन्हें अपने स्थान पर ही रखें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि यहां किसी भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

आगे उन्होंने कहा कि, यदि आप सामान लेकर आ रहे हैं और सामान किसी अन्य स्थान पर रखना संभव नहीं है तो आप इसे नागरिक सहायता केंद्रों पर जमा कर सकते हैं और लॉकर सुविधा का भी उपयोग कर सकते हैं।

पुलिस के पास है प्लान

आगे उन्होंने ये भी कहा कि अयोध्या में दर्शन के लिए आने वाली अतिरिक्त भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के पास एक विस्तृत भीड़ प्रबंधन योजना है। यही वजह से कि लाखों लोगों के आने के बादवूद हमने माहौल को बिगड़ने नहीं दिया।

DG प्रशांत कुमार ने रामलला के दर्शन करने आ रहे लोगों से की ये खास अपील

राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के बाद से भारी तादाद में लोग रामलला के दर्शन को अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस दौरान कोई हालात ना बिगड़े, इसके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। राज्य के सभी बड़े अफसर इस वक्त अयोध्या में ही मौजूद हैं। इसके बावजूद भीड़ को संभालने के लिए लगातार कुछ ना कुछ कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने लोगों से खास अपील की है।

8000 से ज्यादा पुलिस मंदिर में तैनात

जानकारी के मुताबिक, लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि हमने यह सुनिश्चित किया कि यहां बेहतर भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन किया जाए। हमें शासन का निर्देश था कि भक्तों को किसी भी तरह कोई असुविधा न हो। जो भी प्रबंध रात भर में अंतर्विभागीय समन्वय से हमने किया था उसके अच्छे और सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

आज मंदिर और उसके आसपास लगभग 8000 पुलिस कर्मी मौजूद हैं। इसके साथ ही जल्द ही सीआरपीएफ, एसएसएफ और अन्य पुलिस अधिकारी मंदिर के अंदर तैनात किए जाएंगे, ताकि किसी तरह की कोई असुविधा लोगों को ना होने पाए।

भक्तों से की अपील

आगे यूपी डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने भीड़ नियंत्रण उपायों में सुधार किया है, और यह सुनिश्चित करने के लिए श्रद्धालुओं की लाइनें बनवाई हैं। आज, भीड़ कल की तुलना में कम है और व्यवस्थाएं अच्छी हैं। हम भक्तों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हैं, क्योंकि अगर लोग धैर्य नहीं रखेंगे तो परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए भक्तों को सुरक्षाकर्मियों का साथ देना चाहिए, तकि हालात काबू में रहे।

लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए अयोध्या में तैनात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बढ़ाई गई, अब इस तारीख तक रहेगी तैनाती

हाल ही में 22 जनवरी के दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। जिसके बाद से लोगों का हूजूम रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंच रहा है। बात करें 23 जनवरी की तो इस दिन 5 लाख से ज्यादा लोगों ने रामलला के दर्शन करने पहुंचे। अंदाजा लगाया जा रहा है कि, आगे आने वाले समय में भी ऐसे ही भीड़ रामलला के दर्शन को पहुंचेगे। इसी के चलते रामलला के मंदिर के साथ हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है। इसके साथ ही उन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी को भी बढ़ाया गया है, जो दूसरे जिले से अयोध्या पहुंचे हैं।

सुरक्षा को तैनात पुलिस

जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रत‍िष्‍ठा के बाद रामनगरी में आस्‍था का सैलाब उमड़ रहा है। प्राण प्रत‍िष्ठा के बाद पहले द‍िन पांच लाख से अधि‍क भक्‍तों ने राम मंद‍िर पहुंचकर प्रभु राम के दर्शन क‍िए। रामभक्तों की अप्रत्याशित भीड़ ने शासन को भी चिंता में डाल दिया तो भीड़ नियंत्रण प्रबंधों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अयोध्‍या पहुंचना पड़ा। उनके साथ-साथ प्रदेश के बड़े अफसर हालात संभालने के लिए अयोध्या पहुंचे थे।

25 जनवरी तक तैनात रहेंगे

इसके साथ ही आज बुधवार सुबह से ही एक बार फ‍िर राम मंदिर में दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ पहुंचना शुरू हो गई। हनुमान गढ़ी मंदिर के बाहर पुलिस की तैनाती बढ़ाई गई है। लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए अब प्रशासन ने ये आदेश जारी किया गया है कि, जो भी पुलिसकर्मी दूसरे जिले से सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए अयोध्या पहुंचे थे, उनकी ड्यूटी की समयावधि बढ़ा दी गई है। अब वो अयोध्या में 25 जनवरी तक तैनात रहेंगे।

सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए आज भी रामलला के गर्भगृह में मौजूद DG स्पेशल और प्रमुख सचिव गृह

आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का तीसरा दिन है। ऐसे में कल की तरह आज भी भारी तादाद में लोग रामलला के दर्शन को अयोध्या पहुंच रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के तीसरे दिन मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर रहे हैं। कल जिस तरह के भीड़ को संभालने के लिए शाम को अफसरों को मंदिर पहुंचना पड़ा था, ठीक उसी तरह से आज सुबह से ही यूपी के प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और डीजी लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार मंदिर के ‘गर्भ गृह’ के अंदर मौजूद हैं। उनकी निगरानी में पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं की आवाजाही में काफी अच्छी तरह से नजर रखें हैं।

23 जनवरी को खोला गया दरबार

जानकारी के मुताबिक, 22 जनवरी को अयोध्या के विशाल मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। जिसके बाद लोगों के लिए मंदिर 23 जनवरी को खोल दिया गया। भगवान श्रीराम के दर्शन को लाखों लोगो का हूजूम पहले ही दिन पहुंच गया था। ऐसे में प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और डीजी लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार को जाकार मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालनी पड़ी थी।

आज भी मौजूद हैं अफसर

कल की तरह आज हालात ना बिगड़े, ऐसे में आज सुबह से ही प्रमुख सचिव, गृह, संजय प्रसाद और डीजी लॉ एंड ऑर्डर, प्रशांत कुमार रामलला के गर्भगृह में मौजूद हैं। वो श्रद्धालुओं की व्यवस्थित आवाजाही पर निगरानी रखे हुए हैं। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मंदिर परिसर में मौजूद हैं। भक्तों को सुचारू दर्शन सुनिश्चित करने के लिए मंदिर परिसर में 8000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।

‘राम मंदिर को अस्थाई रूप से किया गया बंद….!’, Ayodhya Police ने बताई वायरल मैसेज की सच्चाई

राम मंदिर के उद्घाटन के बाद आज रामलला के दर्शन को हजारों लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसके लिए वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के इंतजाम के साथ-साथ पुलिस विभाग सोशल मीडिया पर भी नजर रखी हुई है, ताकि अफवाहों की वजह से माहौल ना बिगड़े। कड़े इंतजाम के बावजूद लोग लगातार राम मंदिर मामले में अफवाहे फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

वायरल हो रहा ये मैसेज

जानकारी के मुताबिक, आज सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें ये दावा किया जा रहा है, कि राम मंदिर दर्शन के लिए जाने वाले हजारों दर्शकों का तांता लगा है। अयोध्या में भीड़ उमड़ पड़ी है। लगातार लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं। इस वजह से वहां कई-कई किलो मीटर लंबी लाइन लगी है और मंदिर को बंद कर दिया गया है। इस दावे को अयोध्या पुलिस ने पूरी तरह से गलत बताया है।

अयोध्या पुलिस ने किया खंडन

अयोध्या पुलिस ने एक्स करके ये जानकारी दी है, कि, कतिपय सोशल मीडिया के माध्यम से असत्य खबर फोटो के साथ सार्वजनिक रुप से प्रसारित की जा रही है कि जनपद अयोध्या में श्रद्धालुओं की कई किलोमीटर लम्बी भीड़ की वजह से श्री रामलला के दर्शन अस्थाई रूप से बंद किया गया है। #ayodhyapolice इस असत्य एवं भ्रामक खबर का खण्डन करती है।

जब खबर आई कि ‘फैजाबाद डीएम इज नॉट अवेलेबिल’, परिवार में मच गया था हड़कंप

हर कोई 22 जनवरी के दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, क्योंकि 22 जनवरी के दिन ही अयोध्या में बन रहे विशाल राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन को सफल बनाने के लिए बाबरी और राम मंदिर विवाद में कई लोगों ने अपनी जानें गंवाईं हैं। आज भी लोग उस दिन को याद करके सिहर जाते हैं, 2 नवंबर, 1990 को उत्तर प्रदेश पुलिस ने राम रथ यात्रा के बाद अयोध्या में नागरिकों पर गोलियां चलाई थीं। इस घटना के बाद राज्य में दंगे हुए थे और अनौपचारिक रूप से 2,000 से ज़्यादा लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। इस दौरान वहां के डीएम आईएएस रामशरण श्रीवास्तव थे। वो आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका परिवार राम मंदिर के निर्माण से काफी खुश है।

छोटे भाई ने सुनाया किस्सा

उनके परिवार ने एक किस्सा भी साझा किया है कि कैसे विवाद के वक्त एक बार उन्हें लगा था, कि उन्होंने इन दंगों में आईएएस रामशरण श्रीवास्तव को खो दिया है। उनके छोटे भाई कृष्ण शरण ने बताया कि, 17 जुलाई 1987 को रामशरण श्रीवास्तव हरदोई के डीएम थे तब प्रदेश सरकार के एक पत्रवाहक ने सूचना दी कि उन्हें फैजाबाद का डीएम बनाया गया है। दो दिन बाद 19 जुलाई को फैजाबाद जाकर पदभार ग्रहण करने का आदेश था। पहुंचते ही वहां की स्थितियां समझ में आ गईं। यह बहुत कठिन कार्यकाल होने जा रहा था। उस समय राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद दिन पर दिन उग्र होता जा रहा था।

एक खबर से हिल गया था परिवार

इसी बीच दिन आया 2 नवंबर 1990 का, जब अयोध्या की गलियों में लगातार गोलियां चल रहीं थीं। चारों तरफ सिर्फ चीख-पुकार की आवाजें आ रहीं थीं। इसी बीच बीबीसी अंग्रेजी से ये खबर सामने आई कि फैजाबाद डीएम इज नॉट अवेलेबिल। यानी कि फैजाबाद के डीएम उपलब्ध नहीं हैं ये खबर सुनते ही उनके परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ये खबर लगते ही कृष्ण शरण हमीरपुर के लिए निकल गए क्योंकि वहां उनके रिश्तेदार के यहां टेलीफोन लगा था। जब फोन के जरिए उनकी बात डीएम रामशरण श्रीवास्तव से हुई। तब जाकर उनकी सांस में सांस आई।

लोग करते हैं याद

आईएएस रामशरण श्रीवास्तव भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी उनके द्वारा किए गए कामों की वजह से उन्हें याद किया जाता है। वो अपने गांव के लिए लगातार काम करते रहे। उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज की स्थापना में बड़ा सहयोग किया। वह श्री चित्रगुप्त पूजन समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के अलावा कई कायस्थ समितियों के सक्रिय संरक्षक रहे।

Ayodhya: कारसेवकों पर गोली ना चलाने की वजह से सस्पेंड हुए थे तत्कालीन SSP, अब परिवार को मिला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण

22 जनवरी के दिन के लिए हर कोई काफी उत्साहित है. दरअसल, इस दिन सालों के इंतजार के बाद अयोध्या के विशाल मंदिर में रामलला को विराजमान किया जाएगा। वैसे तो हर हिंदू व्यक्ति इस दिन को लेकर काफी खुश है, लेकिन सबसे ज्यादा खुशी उन लोगों के घरों में दिखाई दे रही है, जो लोग 1992 में अयोध्या में मौजूद थे। इसी क्रम में आज तत्कालीन अयोध्या एसएसपी का परिवार काफी खुश है। दरअसल, भले ही तत्कालीन अयोध्या एसएसपी और जिले से सांसद रहे दिवगंत पूर्व एसएसपी डीबी रॉय इस वक्त दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके पुत्र पुनीत राय को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पहुंचा है। जिस वजह से उनके घर में खुशी का माहौल है।

हुए थे सस्पेंड

जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन अयोध्या एसएसपी रहे डीबी राय के पुत्र पुनीत राय ने बताया कि भगवान श्रीराम के प्रति जो आस्था पिताजी की थी, उतनी ही आस्था आज हम लोगों के दिल में हैं। सन 1992 की अयोध्या कारसेवा में पिताजी ने निहत्थे कारसेवकों पर गोली नहीं चलवाई थी, जिसके कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। सस्पेंशन के बाद कोर्ट में सीबीआई चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई। ऐसे में 6 महीने बाद वो बहाल हो गए।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को इस्तीफा सौंपा, उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया। अंत में उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी तब जाकर 1996 में इस्तीफा मंजूर हुआ लेकिन वेतन एवं पेंशन रोक दिया गया था। इसके बाद भी वो कभी झुके नहीं और उन्होंने अंत तक यही कहा कि मुझे इस बात का जरा सा भी दुख नहीं है कि कारसेवकों पर गोली नहीं चलाने की वजह से मुझे सस्पेंड किया गया।

खुश है परिवार

ऐसे में अब जब डीबी राय के परिवार को मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पहुंचा है तो वो काफी खुश हैं, क्योंकि अभी तक जिले में किसी भी व्यक्ति को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है। ऐसे में वो इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कड़ी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था, चप्पे-चप्पे पर अभी से पुलिस तैनात

22 जनवरी का दिन हर किसी के लिए बेहद खास होने वाला है। दरअसल, इस दिन अयोध्या के में तैयार हो रहे विशाल राममंदिर में रामलला की मूर्ति विराजमान की जाएगी। ऐसे में लोग इस कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी से लेकर तमाम दिग्गज नेता और अभिनेता वहां पहुंचेगे। हजारों-लाखों की तादाद में मंदिर में लोगों के पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है। ऐसे में जिले की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की जा रही है।

किए गए कड़े इंतेजाम

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में राम लला (शिशु भगवान राम) के प्राण-प्रतिष्ठा (अभिषेक) समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे। वाराणसी के एक पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक, अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा। इसके लिए जिले में कड़ी सुरक्षा के इंतेजाम किए जा रहे हैं।

हर जगह पर होगी फोर्स तैनात

हाल ही में अयोध्या पुलिस ने आगामी ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के संबंध में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। इसमें ये साफ तौर पर कहा गया कि जिले में अभी से भारी तादाद में पुलिस की तैनाती कर दी गई है और पूरे जिले में राम मंदिर के आसपास के इलाकों और टेंट सिटी में आर्टिफिशिय इंटेलिजेंस से संचालित सीसीटीवी लगाए गए हैं।

पुलिस ने ये भरोसा दिलाया है कि इस भव्य समारोह के लिए शहर आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। पुलिस को हर जगह इस तरह से तैनाती की जाएगी कि किसी को भी किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके लिए अतिरिक्त पुलिसबल को भी तैयार कर दिया गया है।

अयोध्या में ड्यूटी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे पुलिसकर्मी, DG कानून व्यवस्था ने जारी किया सख्त आदेश

हर किसी के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास है। इस दिन अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बड़े ही धूमधाम से की जायेगी। इसके लिए कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। 22 जनवरी के दिन अयोध्या में भारी तादाद में लोग भी पहुंचेंगे। ऐसे में कानून व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस विभाग के कंधों पर भरी जिम्मेदारी है। इसी जिम्मेदारी के चलते अब उत्तर प्रदेश के डीजी ने वहां तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश जारी किया है। उन्होंने साफ शब्दों में ये कहा है कि अयोध्या में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

डीजी कानून व्यवस्था ने जारी किया आदेश

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था संभालते वक्त किसी पुलिसकर्मी के द्वारा सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो इसको ध्यान में रखते हुए मोबाइल फोन को न रखने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। ऐसे ही कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि अनावश्यक तौर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करें। ड्युटी के दौरान बेहद जरूरी काम के लिए फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अफसरों को भी मानना पड़ेगा आदेश

दरअसल, डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर यह देखा गया है कि प्रदेश में फील्ड ड्युटी के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण उनका ध्यान भटक जाता है और वो एकाग्रता के साथ ड्युटी नहीं कर पाते है। इसी वजह से कई बार न चाहते हुए भी कुछ न कुछ घटित हो जाता है। कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर जारी पत्र के मुताबिक इसका पालन पुलिस कमिश्नर, एसएसपी व एसपी को भी करना होगा।