प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु के बाद, प्रशासन ने आगामी 3 फरवरी को बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं की समीक्षा करें और बसंत पंचमी के दृष्टिगत सुरक्षा और सुविधा से जुड़े हर बिंदु पर ध्यान दें। प्रशासन के लिए अब महाकुंभ में बसंत पंचमी पर चौथा ‘अमृत स्नान’ चुनौती भरा है, इसके लिए क्या तैयारियां की गईं हैं? आइए इस बाते में जानते हैं।
कई नए अफसरों को भेजा गया प्रयागराज
जानकारी के मुताबिक, अब बसंत पंचमी के मद्देनजर 2019 के कुंभ में सेवा दे चुके वरिष्ठ अधिकारियों को महाकुंभ की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए तैनात किया गया है। ये सभी अफसर भीड़ नियंत्रण में निपुण हैं। उनके निर्देशानुसार अब सुरक्षा व्यवस्था और भी ज्यादा सख्ती से बरती जाएगी।
इन अफसरों में कुंभ-2019 के समय प्रयागराज में बतौर मंडलायुक्त सेवा दे चुके आशीष गोयल और एडीए के वीसी रहे भानु गोस्वामी समेत विशेष सचिव स्तर के 5 अधिकारी शामिल हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए कुंभ करा चुके अधिकारियों की भी मदद ली जा सकती है।
इन बातों का भी रखा जाएगा ध्यान
मामले में जानकारी देते हुए मेला DIG वैभव कृष्ण ने बताया कि मेला क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जिससे किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश निषिद्ध होगा। भीड़ के दबाव को नियंत्रित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए भोजन, पानी और बिजली की उचित व्यवस्था की गई है। मेला क्षेत्र में अब किसी भी विशेष पास के माध्यम से वाहन प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
भीड़ की वजह से लोग अपनों से बिछड़ जाते हैं। ऐसे में महाकुंभ मेला में 10 डिजिटल खोया पाया केंद्र बनाए गए हैं, इनको और ज्यादा सुगम किया गया है, वहीं शिकायत या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है।
भारी -भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए पड़ोसी राज्यों बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और एमपी के माल वाहक वाहनों को 31 जनवरी की सुबह तक यूपी के सीमावर्ती जिलों जैसे सोनभद्र, मीरजापुर, चंदौली, गाजीपुर और बलिया में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया गया है। ताकि शहर के आसपास भी किसी तरह अव्यवस्था न होने पाए।
इसके अलावा बसंत पंचमी के स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए घाटों पर एनडीआरएफ और गोताखोर दल तैनात किए गए हैं, जो लगातार सतर्क रहेंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एंबुलेंस, अस्थायी अस्पताल एवं मेडिकल टीमों को तैयार रखा गया है। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और मेले को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें।