24 घंटे में 10 मुठभेड़, पुलिस की गोलियों से ‘लंगड़े’ हुए अपराधी

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उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए पुलिस ने एक बार फिर से अपना तेवर दिखाया है। बीते 24 घंटों में पुलिस ने एक साथ दस एनकाउंटर कर अपराध की रीढ़ तोड़ने की कोशिश की है। इस तेज़तर्रार कार्रवाई ने अपराधियों के बीच हड़कंप मचा दिया है। कई वांछित बदमाश या तो गिरफ्तार हुए हैं या फिर उनके पैरों में पुलिस की गोलियां लगी हैं। यही है यूपी पुलिस का नया मोर्चा – ऑपरेशन लंगड़ा।

इस ऑपरेशन के तहत पुलिस की रणनीति साफ है: अपराधी भागने की कोशिश करे या हमला करे, तो उसे दौड़ने लायक न छोड़ा जाए। मतलब, गोली सीधे पैर में। पुलिस का मानना है कि इससे अपराधियों में खौफ बढ़ेगा और उनका दोबारा अपराध करने का हौसला टूटेगा।

कहां-कहां चली पुलिस की बंदूक

  1. लखनऊ: रेप के एक आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में दबोचा।
  2. गाजियाबाद: सिपाही की हत्या में वांछित बदमाश के पैर में गोली मारी गई।
  3. शामली: 25 हजार के इनामी गौ तस्कर को पकड़ने के दौरान मुठभेड़ हुई।
  4. झांसी: इनामी बदमाश पुलिस फायरिंग में घायल हुआ।
  5. बुलंदशहर: रेप आरोपी को मुठभेड़ में घेरकर दबोचा गया।
  6. बागपत: लूट के केस में वांछित बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ा।
  7. बलिया: फरार आरोपी को गोली लगी और पकड़ा गया।
  8. आगरा: चोरी के आरोपी को एनकाउंटर में धर दबोचा।
  9. जालौन: डकैती के एक आरोपी के साथ आमने-सामने की भिड़ंत हुई।
  10. उन्नाव: कुख्यात हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने घायल कर पकड़ा।

क्या है ‘ऑपरेशन लंगड़ा’?

पुलिस की इस मुहिम का मकसद सिर्फ अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उन्हें भविष्य में अपराध से दूर रखने का संदेश देना भी है। पुलिस अपराधियों को जान से मारने के बजाय उनके पैरों पर गोली मारती है ताकि वे फिर से अपराध की राह न पकड़ सकें। यही वजह है कि इसे ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ का नाम मिला – एक ऐसा अभियान, जो अपराधियों को दौड़ने से पहले सोचने पर मजबूर कर देता है।

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