अनुशासनहीनता पर DGP हुए सख्त, प्रदेश भर के अफसरों को दिए करवाई के निर्देश

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उत्तर प्रदेश पुलिस में अनुशासनहीनता, हथियारों के रखरखाव में लापरवाही और नियमित परेड से अफसरों की अनुपस्थिति जैसे मामलों को लेकर शासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने इन गंभीर मामलों को संज्ञान में लेते हुए पुलिस महानिदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी और दोषी पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने तत्परता दिखाते हुए प्रदेशभर के पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि अधीनस्थों में अनुशासन कायम रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अपने स्टाफ के साथ बेहतर संवाद और समन्वय बनाए रखना होगा। डीजीपी ने साफ किया कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच संवादहीनता ही अनुशासन भंग होने का मुख्य कारण बन रही है।

परेड में होगी सख्त उपस्थिति जांच

प्रमुख सचिव गृह ने शुक्रवार को होने वाली साप्ताहिक परेड में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की अनिवार्य उपस्थिति सुनिश्चित कराने को कहा है। इसके लिए बायोमेट्रिक प्रणाली से हाजिरी दर्ज कराई जाएगी। केवल विशेष परिस्थितियों—जैसे छुट्टी या वीआईपी ड्यूटी—को ही अनुपस्थिति का वैध कारण माना जाएगा। परेड के बाद पुलिस लाइन परिसर में साफ-सफाई, कल्याण केंद्र, परिवहन शाखा और आवासीय व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी जरूरी कर दिया गया है।

हथियारों की स्थिति पर चिंता

डीजीपी ने हाल के उन मामलों पर चिंता जताई है, जहां आवश्यक समय पर शस्त्रों ने कार्य नहीं किया। उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी असलहों और कारतूसों की समय-समय पर जांच की जाए। निरीक्षण के दौरान यदि कोई हथियार खराब पाया जाता है, तो जिम्मेदार व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।

ड्यूटी में निष्पक्षता अनिवार्य

प्रशांत कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस लाइन में तैनाती के दौरान पक्षपात की शिकायतें बेहद गंभीर हैं। बैरिकों में रह रहे पुलिसकर्मियों को मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए और ड्यूटी का आवंटन निष्पक्ष तरीके से किया जाए। पक्षपात की वजह से कर्मियों में असंतोष पैदा होता है, जो अंततः उनकी कार्यकुशलता को प्रभावित करता है।

समस्या समाधान को होंगे मासिक सम्मेलन

डीजीपी ने यह भी कहा है कि एसपी और सेनानायक स्तर पर हर महीने पुलिसकर्मियों की बैठक की जाए, जबकि रेंज स्तर पर हर तीन माह में ऐसा सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए, जिससे पुलिसकर्मी अपनी समस्याएं खुलकर रख सकें और समय से समाधान हो सके।

 

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