मऊ जिले में दूर होगी सिपाहियों की बड़ी परेशानी, शासन ने दी मंजूरी

यूपी के मऊ जिले में अब सिपाहियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल,…

IAS अभिषेक सिंह का इस्तीफा नामंजूर, जानें इसके पीछे की वजह….

गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी गाड़ी के आगे खड़े होकर फोटो खिंचवाने वाले आईएएस अभिषेक सिंह के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया गया है। दरअसल, आईएएस अभिषेक सिंह को गुजरात विधानसभा चुनाव में ऑब्जर्वर बनाकर भेजा गया था। इस दौरान अभिषेक ने सरकारी गाड़ी के साथ फोटो ली और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इस मामले के बाद सुर्खियों में आए आईएएस ने 2023 अक्टूबर में अपना इस्तीफा दे दिया था।

इसलिए नामंजूर हुआ इस्तीफा

जानकारी के मुताबिक, गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान उत्‍तर प्रदेश कैडर में 2011 बैच के अभिषेक की बतौर ऑब्जर्वर ड्यूटी लगी थी। इस दौरान एक सरकारी गाड़ी के आगे खड़े होकर फोटो खिंचवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया था। विधानसभा चुनाव के बीच आईएएस अधिकारी के आचरण को ठीक नहीं माना गया था और उन्हें ऑब्जर्वर की ड्यूटी से हटा दिया गया था, हालांकि, उसके बाद अभिषेक सिंह ने नियुक्ति विभाग में रिपोर्ट नहीं किया था। इसके बाद राज्य सरकार ने अधिकारी को निलंबित करके राजस्व परिषद से अटैच कर दिया था।

मामले के तूल पकड़ने के बाद आईएएस ने अक्‍टूबर 2023 में आईएएस की नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया था, लेकिन अब इस इस्तीफे को ब्यूरोक्रेसी ने नामंजूर कर दिया है। खबरों की मानें तो अभिषेक सिंह का इस्तीफा 4 महीने का वक्त गुजारने के बाद भी मंजूर नहीं हुआ है। मामले में नियुक्ति विभाग का कहना है कि अभी इस्तीफ़े में और भी वक्त लग सकता है क्योंकि कुछ जगहों से NOC आना बाकी है।

राजनीति में जाने के लगाए जा रहे कयास

आपको बता दें, कि इसी साल 26 जनवरी 2024 के मौके पर पूर्व आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, जिसकी तस्‍वीर उन्‍होंने 29 जनवरी को एफबी पर पोस्‍ट की। फिर वीडियो शेयर कर जौनपुर से अयोध्‍या के लिए निशुल्‍क बस सेवा शुरू करने की जानकारी दी। उनकी इस तरह की पोस्ट ये ये कयास लगाए जाने लगे कि वो लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि आईएएस छोड़ने के बाद अभिषेक सिंह ने बॉलीवुड की राह पकड़ ली थी। सनी लियोनी के साथ एक गाने में भी नजर आए थे।

जाने क्यों CM योगी ने IPS प्रशांत कुमार को दी UP पुलिस के मुखिया की जिम्मेदारी

अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है। खबरों की मानें कि उन्हें ये जिम्मेदारी देने की वजह उनका काम और उनकी कार्यशैली है। योगी सरकार की तरफ से जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी गई, तो आईपीएस प्रशांत कुमार ने उसे बखूबी निभाया, इसी वजह से एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिलाया है।

अपराध को किया खत्म

जानकारी के मुताबिक, एक समय था, जब पश्चिमी यूपी में अपराध और अपराधियों का बोलबाला था। ऐसे में योगी सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले आईपीएस प्रशांत कुमार को मेरठ का एडीजी बनाया। बस फिर क्या था, वहां उनके नेतृत्व में पुलिस विभाग ने सख्ती बरतना शुरू की और कई बड़े इनामी अपराधियों को ना सिर्फ मार गिराया। इन मुठभेड़ों की खास बात ये थी कि, आईपीएस प्रशांत कुमार खुद कई एनकाउंटर में शामिल रहे। प्रदेश भर में उनके नेतृत्व में 300 से ज्यादा एंकाउंटर हुए हैं।

हाल ही में मिला प्रमोशन

उनकी इसी कार्यशैली को देखने के बाद उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई, जो कि अब तक वह बखूबी निभा रहे हैं। इसी के चलते यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्होंने वो हर काम किया, जो किया जा सकता है। उनके अच्छे काम के चलते उन्हें हाल ही में प्रमोशन देकर डीजी बनाया गया था। अब जब कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है, तो एक बार फिर उनका अलग अंदाज देखने को मिल सकता है।

कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।

बाराबंकी: पुलिसकर्मी के 5 साल के बेटे पर कुत्तों ने किया हमला, गंभीर हालत में बच्चा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती

हाल ही में पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस क्रम में हर थाने और पुलिस लाइन में भी झंडा फहराया गया। जहां एक तरफ हर कोई खुश था, वहीं दूसरी तरफ बाराबंकी जिले की पुलिस लाइन में एक पुलिसकर्मी के दो साल के बच्चे को पांच खुंखार कुत्ते घसीटकर ले गए। शोर की वजह से बच्चे की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी। काफी समय के बाद जब मासूम की चीख-पुकार उसके पिता और अन्य पुलिसकर्मियों ने सुनी, तब जाकर किसी तरह कुत्तों को भगाया गया। बच्चे को सीरियस हालात में लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

कुत्तों ने किया हमला

जानकारी के मुताबिक, 26 जनवरी के दिन हेड कांस्टेबल गौरव तिवारी अपने दो साल के बेटे अथर्व को गणतंत्र दिवस समारोह दिखाने के लिए आए थे। हेड कांस्टेबल गौरव तिवारी एएनटीएफ थानाक्षेत्र के पुलिस लाइन में परिवार के साथ रहते हैं। समारोह के समय वो अपने बच्चे के साथ थाने पहुंचे और अंदर किसी काम से चले गए। खेलते-खेलते अथर्व थाने से बाहर आ गया और इसी दौरान उस पर कुत्तों ने हमला कर दिया। कुत्ते बच्चे को घसीटते हुए झाड़ियों की तरफ ले गए।

लखनऊ के लिए किया गया रेफर

बहुत समय तक जह हेड कांस्टेबल ने अपने बेटे को नहीं देखा तो सभी ने उसकी तलाश शुरू की। तलाशी के वक्त जब वो झाड़ियों की तरफ गए तो वहां उन्हें अपने बेटे की चीख सुनाई दी। गौरव जैसे ही पुलिसकर्मियों के साथ झाड़ियों की तरफ पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कुत्ते उनके बेटे को बुरी तरह से नोंच रहे थे। काफी मुश्किलों के बाद उन्होंने अथर्व को कुत्तों से छुड़ाया। सभी तत्काल ही बच्चे को लेकर अस्पताल की तरफ भागे, जहां से बच्चे को ट्रॉमा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया।

गाजियाबाद: सड़क हादसे में दो सिपाहियों की मौत, चालक की हालत गंभीर

यूपी के गाजियाबाद जिले में हुए सड़क हादसे में यूपी और दिल्ली के दो सिपाहियों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त ये गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई थी। इसी के चलते ये दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे के बाद अन्य पुलिसकर्मी घायल पुलिसकर्मियों को पास के अस्पताल में ले गए, जहां दो सिपाहियों को मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल खबरों की मानें तो गाड़ी चलाने वाला चालक भी घायल है लेकिन उसकी हालत खतरे से बाहर है। मृतक सिपाहियों में से एक के पिता ने इसे हादसा नहीं बल्कि साजिश का नाम दिया है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस में सिपाही जय ओम शर्मा और उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही जयवीर सिंह राघव बिल्डर निखिल चौधरी की सुरक्षा में तैनात थे। बीती रात कार में दोनों सिपाही और एक चालक इंदिरापुरम से वसुंधरा के बुद्ध चौक की ओर जा रहे थे। देर रात इनकी कार एलिवेडेट रोड के नीचे कार डिवाइडर से टकरा कर पलटती हुई दूसरी तरफ पहुंच गई।

जैसे ही पास में स्थित पुलिस चौकी पर हादसे की खबर पहुंची तो मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने सिपाहियों को तत्काल ही अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दोनों सिपाहियों को मृत घोषित कर दिया गया। फिलहाल अभी चालक भी घायल है।

हो रही है मामले की जांच

हादसे के बाद दोनों सिपाहियों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई है। दोनों सिपाहियों का शव हिंडन मोर्चरी पर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मृतक सिपाही जयवीर सिंह के पिता घनश्याम सिंह का कहना है कि दोनों पुलिसकर्मियों की मौत गले नहीं उतर रही। उनका कहना है कि ये हादसा नहीं बल्कि हत्या है। इसी के चलते अब अफसरों ने मामले में जांच बैठाई है।

IPS अपर्णा रजत कौशिक ने संभाली SP कासगंज की जिम्मेदारी

नए साल की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 11 जिलों के पुलिस…

Gorakhpur: दबिश के दौरान दरोगा ने की महिला सिपाही से बदसलूकी, हुआ सस्पेंड

जहां एक तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत करके कई अभियान चला रही है वहीं कुछ पुलिसकर्मी उनकी मेहनत पर पलीता लगा रहे हैं। मामला गोरखपुर जिले का है जहां एक दरोगा ने दबिश के दौरान महिला सिपाही से ही बदसलूकी कर दी। जब मामला अफसरों तक पहुंचा तो दरोगा को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही दरोगा के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई। एसएसपी का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, ये पूरा मामला गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाने का है। जहां सिकरीगंज इलाके में महिला अपराध से जुड़े एक मामले में पिछले दिनों थाने पर तैनात दरोगा सरवर आलम दो महिला कांस्टेबल के साथ दबिश देने दूसरे जिले में गए थे। महिला सिपाही का आरोप है कि इसी दबिश के दौरान दरोगा ने उन के साथ बदसलूकी की। महिला कांस्टेबल ने इसकी शिकायत थानेदार से की थी। थानेदार के बाद मामला सीओ तक पहुंचा और फिर एसएसपी तक।

शुरू हुई विभागीय जांच

जिसके बाद एसएसपी ने सीओ की रिपोर्ट के आधार पर दरोगा सरवर आलम को सस्पेंड कर दिया। दरोगा के निलंबन के बाद उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है। अधिकारियों का कहना है कि यदि मामला सही पाया जाता है तो दरोगा के खिलाफ आगे और सख्त कार्रवाई हो सकती है।

अयोध्या में ड्यूटी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे पुलिसकर्मी, DG कानून व्यवस्था ने जारी किया सख्त आदेश

हर किसी के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद खास है। इस दिन अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा बड़े ही धूमधाम से की जायेगी। इसके लिए कई दिग्गजों को निमंत्रण भेजा गया है। 22 जनवरी के दिन अयोध्या में भारी तादाद में लोग भी पहुंचेंगे। ऐसे में कानून व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस विभाग के कंधों पर भरी जिम्मेदारी है। इसी जिम्मेदारी के चलते अब उत्तर प्रदेश के डीजी ने वहां तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश जारी किया है। उन्होंने साफ शब्दों में ये कहा है कि अयोध्या में ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

डीजी कानून व्यवस्था ने जारी किया आदेश

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था संभालते वक्त किसी पुलिसकर्मी के द्वारा सुरक्षा में किसी प्रकार की चूक न हो इसको ध्यान में रखते हुए मोबाइल फोन को न रखने के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया है। ऐसे ही कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि अनावश्यक तौर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करें। ड्युटी के दौरान बेहद जरूरी काम के लिए फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अफसरों को भी मानना पड़ेगा आदेश

दरअसल, डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि ज्यादातर यह देखा गया है कि प्रदेश में फील्ड ड्युटी के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण उनका ध्यान भटक जाता है और वो एकाग्रता के साथ ड्युटी नहीं कर पाते है। इसी वजह से कई बार न चाहते हुए भी कुछ न कुछ घटित हो जाता है। कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार की ओर जारी पत्र के मुताबिक इसका पालन पुलिस कमिश्नर, एसएसपी व एसपी को भी करना होगा।

एक बार फिर चली तबादला एक्सप्रेस, Firozabad के SP आशीष तिवारी को मिला ट्रांसफर

नए साल की शुरुआत से ही लगातार उत्तर प्रदेश ने पुलिस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव हो रहा है। जहां हाल ही में 18 आईपीएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया, वहीं बीती शाम 24 घंटे के अंदर ही फिरोजाबाद के एसपी आशीष तिवारी के ट्रांसफर के ऑर्डर जारी हो गए है। खबरें ये भी आ रहीं है कि आगामी समय में काफी तबादले हो सकते हैं।

इनको बनाया गया नया एसपी

जानकारी के मुताबिक, बीती शाम जारी हुई तबादला लिस्ट में फिरोजाबाद एसपी के पद से आशीष तिवारी को हटा दिया गया है। 2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी को एसपी सीबीसीआईडी सहकारिता प्रकोष्ठ बनाया गया है। अब आशीष तिवारी के स्थान पर कासगंज में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाद 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी सौरभ दीक्षित को कासगंज जनपद से हटाकर फिरोजाबाद का कप्तान बनाया गया है। सौरभ दीक्षित कासगंज से पहले प्रयागराज में डीसीपी के पद पर तैनात थे।

कौन हैं आशीष तिवारी ?

आपको बता दें कि 2012 बैच के आईपीएस आशीष तिवारी आए दिन अपने काम और कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में रहते हैं। देश की सेवा करने के लिए वह लंदन और जापान के बैंक में एक करोड़ से ज्यादा का पैकेज छोड़ वापस इंडि‍या आए हैं। वो वहां बैंक में एक्सपर्ट एनालिस्ट पैनल में शामिल थे लेकिन उनका मन वहां नहीं लगा।

ऐसे में भारत आकर उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की ओर दो बार आईपीएस का एग्जाम क्वालि‍फाई किया। आईपीएस आशीष फरियादियों की सुनवाई करने के साथ साथ अपने विभाग के पुलिसकर्मियों का भी पूरा ध्यान रखते हैं।

गरीब को कड़ाके की ठंड में गुब्बारे बेचता देख रामपुर SP का पसीजा दिल, दरियादिली दिखाकर खरीदे सारे गुब्बारे

यूपी पुलिस विभाग में यूं तो एक से बड़कर एक ऐसे आईपीएस अधिकारी मौजूद हैं जिनके नाम और बेहतरीन काम की चर्चाएं हर समय होती है। कुछ आईपीएस अधिकारी अपने अच्छे कार्यों की वजह से आम लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाते है। ऐसा ही एक नाम है रामपुर एसपी राजेश द्विवेशी का जो काम को लेकर हमेशा एक्टिव बने रहते है। उनका काम के प्रति जोश हर समय देखने को मिलता है। तो आम लोगों के प्रति उनकी जो जिम्मेदारी है उसे भी भली भांति पूरा करते देखे गए। जिसे के कपप्तान का ऐसा ही दरियादिली भरा काम देर रात देखने को मिला।

गुब्बारे वाले की दुकान पर रुक गए एसपी साहब

कड़ाके की ठंड में जहां एक अधिकारी अपने कमरे में बैठकर अधिनस्थों को आर्डर देते देखे जाते है तो दूसरी तरफ कप्तान राजेश द्विवेदी खुद ही पुलिस टीम के साथ गश्त पर दिखते हैं। ऐसे में गश्त के दौरान गरीब को कड़ाके की ठंड में गुब्बारे बेचते देखकर एसपी साहब के कदम उसकी दुकान पर रूक गए

एसपी ने खरीदे सारे गुब्बारे

sp राजेश द्विवेदी का दुकानदार को देख दिल पसीज गया। राजेश द्विवेदी ने देखा कि एक गुब्बारे वाला सर्दी में खड़ा है, रात का समय था। उन्होंने पूछा की आपके गुब्बारे इतनी रात तक भी नही खरीदे किसी ने ! इतना हाल पूछना था की गुब्बारे वाले की आंख में आँसू आ गए।उसके बाद sp राजेश द्विवेदी ने उसके सभी गुब्बारे खरीद लिये व छोटे-छोटे बच्चो में बांट दिए। इस वाकये से बच्चों व गुब्बारे विक्रेता सभी के चहरे पर मुस्कान आ गई। गुब्बारे वाले ने एसपी की तारीफ कर खुब धन्यवाद दिया।