उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग को हाल ही में अपना नया मुखिया मिल गया है। दरअसल, 31…
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UP Police ने अपने नए मुखिया को दिया गार्ड ऑफ ऑनर, तस्वीरें वायरल
कल यूपी के नए डीजीपी प्रशांत कुमार ने कार्यभांर संभाल लिया है। लोकसभा चुनाव के पहले…
जानें DGP प्रशांत कुमार के पास है किस-किस अन्य विभाग की जिम्मेदारी ?
उत्तर प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी अब नए कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को दी गई है। वो एक ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने अपने कंधे पर आई सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाई है। फिर चाहे बात हो कानून व्यवस्था संभालने की, या फिर लोगों की परेशानियों को दूर करने की। उन्होंने योगी सरकार के कार्यकाल के हर अच्छे कदम को सफल बनाने की कोशिश की है। अब जब उन्हें यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया है तो इसके साथ-साथ उनके ऊपर डीजी EOW का भी चार्ज रहेगा। इसके साथ ही वर्तमान समय में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर रहेगी।
इन अफसरों को हरा कर बनें डीजीपी
जानकारी के मुताबिक, आज सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने नई जिम्मेदारी को संभाल लिया है। सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया है। डीजीपी की इस रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम चल रहा था। इसमें से डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बाजी मारी है।
इन्हीं के नेतृत्व में होगा लोकसभा चुनाव
IPS प्रशांत कुमार जिस तरह से अपराधियों और अपराध के खिलाफ काम करते हैं, उसी वजह से उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। आगामी समय में लोकसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में अब कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराया जाएगा। सीएम योगी ने प्रशांत कुमार को प्रमोशन देकर उन पर अपने भरोसे को मजबूत होना दिखाया है।
UP POLICE मुख्यालय पहुंचे IPS प्रशांत कुमार ने संभाला DGP का कार्यभार
सभी का इंतजार खत्म हुआ और आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने नए कार्यभार को संभाल लिया है। कार्यवाहक डीजीपी की रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम चल रहा था। इसमें से डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बाजी मारी है।
सीएम योगी के हैं चहेते
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव अब तक नहीं भेजा है। इसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। सरकार अपने पसंदीदा अफसर को कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। आईपीएस प्रशांत कुमार को सीएम योगी का चहेता माना जाता है। यही वजह है कि कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जबकि वरिष्ठता की सूची में वो 19 वें नंबर पर थे।
संभाल लिया कार्यभार
इसके साथ ही IPS प्रशांत कुमार जिस तरह से अपराधियों और अपराध के खिलाफ काम करते हैं, उसी वजह से उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। आगामी समय में लोकसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में अब कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराया जाएगा। सीएम योगी ने प्रशांत कुमार को प्रमोशन देकर उन पर अपने भरोसे को मजबूत होना दिखाया है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस हेड क्वार्टर पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया है।
कार्यवाहक DGP बनने के बाद CM योगी से मिलने पहुंचे IPS Prashant Kumar
आज यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार के रिटायरमेंट का दिन है, इसलिए विभाग को अपना नया मुखिया भी आज ही मिल गया। दरअसल, आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात में कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने सीएम को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही सीएम ने भी उन्हें बधाई दी।
सीएम ने दी बधाई
जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी मिलने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार आज ही पांच कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी से मिलने पहुंचे। ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी। इस दौरान प्रशांत कुमार ने सीएम को उनपर भरोसा दिखाने के लिए शुक्रिया कहा इसके साथ ही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आईपीएस अफसर को शुभकामनाएं और बधाई दीं।
सरकार ने दिखाया भरोसा
आपको बता दें कि प्रशांत कुमार सीएम योगी के विश्वासपात्र अफसरों में है। यही वजह है कि एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिखाया है। इससे पहले भी उन्हें सरकार ने यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था। इसे के चलते अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है।
कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार
स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।
जाने क्यों CM योगी ने IPS प्रशांत कुमार को दी UP पुलिस के मुखिया की जिम्मेदारी
अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है। खबरों की मानें कि उन्हें ये जिम्मेदारी देने की वजह उनका काम और उनकी कार्यशैली है। योगी सरकार की तरफ से जब भी उन्हें कोई जिम्मेदारी सौंपी गई, तो आईपीएस प्रशांत कुमार ने उसे बखूबी निभाया, इसी वजह से एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिलाया है।
अपराध को किया खत्म
जानकारी के मुताबिक, एक समय था, जब पश्चिमी यूपी में अपराध और अपराधियों का बोलबाला था। ऐसे में योगी सरकार बनने के बाद सीएम योगी ने सबसे पहले आईपीएस प्रशांत कुमार को मेरठ का एडीजी बनाया। बस फिर क्या था, वहां उनके नेतृत्व में पुलिस विभाग ने सख्ती बरतना शुरू की और कई बड़े इनामी अपराधियों को ना सिर्फ मार गिराया। इन मुठभेड़ों की खास बात ये थी कि, आईपीएस प्रशांत कुमार खुद कई एनकाउंटर में शामिल रहे। प्रदेश भर में उनके नेतृत्व में 300 से ज्यादा एंकाउंटर हुए हैं।
हाल ही में मिला प्रमोशन
उनकी इसी कार्यशैली को देखने के बाद उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई, जो कि अब तक वह बखूबी निभा रहे हैं। इसी के चलते यूपी की कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्होंने वो हर काम किया, जो किया जा सकता है। उनके अच्छे काम के चलते उन्हें हाल ही में प्रमोशन देकर डीजी बनाया गया था। अब जब कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई है, तो एक बार फिर उनका अलग अंदाज देखने को मिल सकता है।
कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार
स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।
UP Police के चौथे कार्यवाहक DGP बने प्रशांत कुमार, जानें इनके बारे में…
और इसी के साथ एक बार फिर से यूपी पुलिस को नया कार्यवाहक मुखिया मिल गया। दरअसल, अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। आपको बता दें कि आज विभाग के तीसरे कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में उनकी जगह ये जिम्मेदारी अब आईपीएस प्रशांत कुमार को दी गई है।
कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार
जानकारी के मुताबिक, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को हाल ही में चौथी बार गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। वो प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है।
प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है। बतौर आईपीएस प्रशांत कुमार का चयन जब हुआ था तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि 1994 में यूपी कैडर की आईएएस डिम्पल वर्मा से शादी के बाद वह यूपी कैडर में ट्रांसफर हो गए। इस वक्त वो बतौर स्पेशल डीजी यूपी पुलिस में तैनात हैं। अपने कार्यकाल में वो अब तक 300 से ज़्यादा बदमाशों से भिड़ चुके हैं।
ये भी थे रेस में
खबर थी कि, इस बार डीजीपी के पद की जिम्मेदारी आईपीएस आनंद कुमार को दी जा सकती है क्योंकि आनंद कुमार इसी साल 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। इसके साथ ही योगी सरकार में उन्होंने लंबे समय तक एडीजी एलओ का कार्यभार बेहतर ढंग से संभाला था। इसके साथ ही दूसरे नंबर पर 1989 बैच के पीवी रामा शास्त्री और तीसरे नंबर पर 1990 बैच के आईपीएस एसएन साबत थे। वर्तमान समय में आईपीएस रामा शास्त्री इस समय प्रतिनियुक्ति पर डीजीपी पीएसएफ हैं। वह एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रह चुके हैं। वहीं एसएन साबत इस समय डीजी जेल के पद पर कार्यरत हैं।
UP के इन दो जाबांज अफसरों को मिलेगा गैलेंट्री अवॉर्ड, जानें इनके बारे में
गणतंत्र दिवस का दिन हर किसी के लिए बेहद खास होता है। इस दिन जगह-जगह झंडा फहराया जाता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस पर पुलिसकर्मियों को मिलने वाले अलग-अलग पदकों के लिए नामों का एलान हो गया है। इस दिन उन पुलिसकर्मियों को भी सम्मानित किया जाता है, जो अपने क्षेत्र में कुछ ना कुछ अच्छा करते हैं। इसी क्रम में एक बार फिर से यूपी के दो आईपीएस अफसरों को गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। गैलेंट्री अवॉर्ड भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला वीरता और बलिदान का पुरस्कार है।
इन दो अफसरों को मिलेगा गैलेंट्री अवॉर्ड
जानकारी के मुताबिक, इस गणतंत्र दिवस उत्तर प्रदेश के दो आईपीएस को गैलेंट्री अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। इन अफसरों में सबसे पहला नाम तो स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार और दूसरा नाम आईपीएस मंजिल सैनी का है। इस अफसरों का नाम MHA ने जारी किया है। जैसे ही ये लिस्ट जारी हुई है, तो विभाग में खुशी की लहर दौड़ गई।
कौन हैं प्रशांत कुमार
स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को चौथी बार गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।
कौन हैं आईपीएस मंजिल सैनी
उत्तर प्रदेश की आईपीएस मंजिल सैनी को लेडी सिंघम के तौर पर जाना जाता है। मंजिल सैनी साल 2005 बैच की आईपीएस अफसर हैं। वो लखनऊ और रामपुर की एसएसपी रही है, जहां उन्होंने शानदार काम किया। लखनऊ के एसएसपी का पद संभालने वाली वो पहली महिला अफसर रही है। इसके अलावा उन्होंने इटावा में भी काम किया है। अमित कुमार किडनी रैकेट मामले की जांच में उनकी अहम भूमिका रही है। उनका काम ऐसा रहा है, कि तबादले के बाद भी लोग उन्हें याद करते हैं।