उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे के सबसे बड़े ओहदे को लेकर इन दिनों सुगबुगाहट तेज़ है। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, लेकिन पुलिस मुख्यालय से जारी हुए हालिया विदाई आमंत्रण में उनका नाम न होना कई संभावनाओं को जन्म दे गया है।
महकमे के गलियारों से लेकर राजनीतिक मंचों तक अब यह सवाल गूंजने लगा है—क्या प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार मिलने जा रहा है? इसी बीच अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मामले में तंज कसा है।
बढ़ सकता है कार्यकाल
दरअसल, गुरुवार को 31 मई को रिटायर होने जा रहे पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों—पीवी रामाशास्त्री, संजय तरड़े, कंचन यादव, अरविंद चतुर्वेदी और तेज स्वरूप सिंह—के लिए आयोजित विदाई समारोह में प्रशांत कुमार का नाम नदारद था। ऐसे में चर्चा है कि डीजी ईओडब्ल्यू का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे प्रशांत कुमार को इसी पद पर विस्तार दिया जा सकता है, जिससे कार्यवाहक डीजीपी के रूप में उनका कार्यकाल स्वतः आगे बढ़ जाएगा।
अखिलेश यादव ने किया पोस्ट
इस बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे पर चुटकी ली। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा—”उत्तर प्रदेश कार्यवाहक डीजीपी का रिकॉर्ड बना चुका है, अब क्या सेवा विस्तार का भी बनाएगा?”
हालांकि यदि सेवा विस्तार नहीं होता, तो डीजीपी पद की रेस में कुछ नाम तेजी से उभर रहे हैं। इनमें वीके मौर्य, राजीव कृष्ण और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए आलोक शर्मा प्रमुख हैं। लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार के परामर्श से ही होगा।