एक दौर था जब आज़मगढ़ के नाम के साथ कुंटू सिंह का खौफ जुड़ा रहता था। अपराध की दुनिया में वह एक ऐसा नाम बन चुका था, जिसकी धमक केवल पूर्वांचल तक सीमित नहीं रही थी। हत्या, लूट, रंगदारी और गैंगवार—कुंटू सिंह का आपराधिक इतिहास किसी अपराध उपन्यास से कम नहीं। लेकिन वक्त बदला है, और कानून के शिकंजे ने अब उसकी वर्षों की अवैध कमाई पर करारा प्रहार किया है।
पत्नी के नाम पर खरीदी गई करोड़ों की संपत्ति सील
आजमगढ़ पुलिस ने गैंगस्टर ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह की पत्नी वंदना सिंह के नाम पर दर्ज एक कृषि भूमि को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दिया है। यह जमीन सगड़ी तहसील के साल्हेपुर गांव में स्थित है, जिसकी बाजार कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है। जमीन 2009 में खरीदी गई थी, जब कुंटू अपराध के शिखर पर था और उसकी दहशत हर गली-कूचे में महसूस की जाती थी।
कुंटू सिंह को 2013 में तब पहली बड़ी कानूनी शिकस्त मिली, जब उसे बसपा के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया। यह केस राजनीतिक और आपराधिक गठजोड़ का बड़ा उदाहरण बना। अदालत ने उसे दोषी ठहराया और तभी से वह जेल में सजा काट रहा है।
पुलिस की निगरानी में गिर रही हैं एक-एक ईंटें
एसपी ग्रामीण चिराग जैन के अनुसार, कुंटू सिंह आईआर गैंग 36/2024 का लीडर है और उसके खिलाफ कुल 77 मुकदमे विभिन्न जिलों में दर्ज हैं। गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई यह कुर्की कार्रवाई अपराधियों को सख्त संदेश देने की रणनीति का हिस्सा है।
थानाध्यक्ष जीयनपुर जितेंद्र बहादुर सिंह द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर, 28 मई को जिलाधिकारी द्वारा आदेश जारी हुआ और 30 मई को संपत्ति पर सरकारी ताला जड़ दिया गया। पुलिस अब इस माफिया द्वारा अवैध कमाई से खरीदी गई अन्य संपत्तियों की भी छानबीन कर रही है।