एमपी अजब है तो ग्वालियर गजब है। इस गजब ग्वालियर की पुलिस का एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसके चलते ग्वालियर पुलिस की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है। बताया जा रहा है कि जिला पुलिस में लगभग 71 लाख रुपए का घोटाला सामने आया है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि एसपी ऑफिस की कंटेंजेन्सी शाखा में पदस्थ एक आरक्षक (क्लर्क) है, जिसे ग्वालियर एसपी के निर्देश पर गिरफ्तार कर निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के लिए जल्द ही पुलिस मुख्यालय से एक टीम ग्वालियर पहुंचने वाली है।
क्या है पूरा मामला
ग्वालियर जिला पुलिस में टेलीफोन, जीपीएफ, वाहन, बिजली सहित एसपी ऑफिस से जुड़े अन्य मदों के खर्चों और भुगतान में गड़बड़ी ट्रेजरी विभाग के ऑडिट में पकड़ में आई है। घोटाला लगभग 71 लख रुपए से अधिक का है। घोटाला सामने आने पर ग्वालियर से भोपाल मुख्यालय तक पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। प्रारंभिक जांच पड़ताल में इस घोटाले का मास्टरमाइंड आरक्षक अरविंद भदौरिया है, जो ग्वालियर एसपी ऑफिस की आकस्मिक शाखा में पिछले 6 साल से पदस्थ है।
पत्नी के खाते में डाले लाखों रुपए
जांच में खुलासा हुआ कि आकस्मिक शाखा लेखे जोखे में 72 एंट्रियों में गड़बड़ी सामने आई है। इनमें दो एंट्री में 17.38 लाख रुपए आरक्षक अरविंद भदौरिया की पत्नी के खाते में जमा हुआ हैं। घोटाले के इस मामले में ग्वालियर एसएसपी राजेश सिंह चंदेल के निर्देश पर आरक्षक अरविंद भदौरिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं उसे निलंबित भी कर दिया गया है। बहरहाल पुलिस महकमें में हुए घोटाले की गूंज भोपाल PHQ तक पहुंच गई है। और मुख्यालय से एक जांच टीम ग्वालियर पहुंचने वाली है। वहीं घोटाला सामने आने पर साल 2018 से 2023 तक के बिल भुगतान की जांच की जा रही है।