उत्तर प्रदेश में जहां एक तरफ सीएम और पुलिस मुखिया कह रहे हैं, कि भ्रष्टाचार खत्म किया जाएगा। वहीं कुछ पुलिस अफसर अपने मुखिया की बातों को ही हवा में उड़ा रहे हैं। मामला प्रदेश के आजमगढ़ जिले का है, जहां एंटी करप्शन टीम ने एक सिपाही और होमगार्ड को 15 हजार नकद घूस लेते रंगेहाथ पकड़ा था। इनके खिलाफ मुकदमे से नाम निकलवाने के नाम पर पैसे मांगने की शिकायत की गई थी। इस मामले में जिले के एक सीओ के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। उनपर भी रिश्वतखोरी के इस केस में शामिल होने का आरोप है।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, आजमगढ़ जिले की देवगांव कोतवाली क्षेत्र के मसीरपुर निवासी सूरज ने भ्रष्टाचार निवारण टीम से शिकायत की थी कि एक मुकदमे से नाम निकालने के नाम पर सीओ लालगंज कार्यालय में तैनात सिपाही उमेश व होमगार्ड राजेश ने उससे 15 हजार रुपये की मांग की है। इस शिकायत के बाद एंटी करप्शन की टीम ने इन्हें रंगेहाथ पकड़ने की प्लानिंग की. बस फिर क्या था टीम की प्लानिंग सफल हुई और सिपाही और दारोगा को उन्होंने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। इस मामले में सिधारी थाने में केस दर्ज किया गया है। इस केस में सिपाही उमेश और होमगार्ड राजेश के साथ सीओ हितेंद्र कृष्ण का भी नाम शामिल है।
सिपाही ने खोली पोल
जानकारी देते हुए भ्रष्टाचार निवारण टीम आजमगढ़ के प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सिपाही उमेश ने ये कबूला है कि वो सीओ लालगंज हितेंद्र कृष्ण की विवेचना का काम देखता है और उन्हीं के कहने पर सूरज से मुकदमे से नाम निकालने के लिए 15 हजार रुपये की मांग की थी।