रमजान के पवित्र महीने में संभल जिले में मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय के आदेशों का पालन सख्ती से होगा और किसी भी तरह की छूट नहीं दी जाएगी। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि जिले में पहले ही धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं, और इस नियम का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एसपी ने कहा ये
जानकारी के मुताबिक, संभल जिले में जामा मस्जिद की छत से मौलवी द्वारा अजान देने का एक वीडियो सामने आया था। जिसके बाद कुछ मौलवी और समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खान एसपी से मिले और रमजान के दौरान लाउडस्पीकर की अनुमति मांगी।
हालांकि, एसपी ने इसे स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया और कहा कि प्रशासन नियमों का पालन करवाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एसपी ने कहा कि, संभल से कुछ मौलवी और कुछ जनप्रतिनिधि हमसे मिलने जरूर आए थे और उन्होंने कुछ बातों को लेकर चर्चा की थी लेकिन लाउडस्पीकर के संबंध में हमारा पहले से ही स्पष्ट निर्देश है कि न्यायालय के आदेश का पालन होगा और नियमों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। कृष्ण कुमार बिश्नोई, एसपी, संभल।
डिजिटल व्यवस्था को अपनाएं
इसके बाद संभल के मुफ्ती आलम राजा नूरी ने भी लोगों से प्रशासन के आदेशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि रमजान में सेहरी और इफ्तार की जानकारी देने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया जा सकता है। आधुनिक दौर में मोबाइल अलार्म, मैसेज और अन्य डिजिटल साधनों से लोगों को जागरूक किया जा सकता है, जिससे नियमों का भी पालन हो और रमजान की पवित्रता भी बनी रहे।