उत्तर प्रदेश कैडर के 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति पांच वर्षों के लिए की गई है, जिसके संबंध में केंद्र सरकार के अंडर सेक्रेटरी संजीव कुमार द्वारा पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में हिमांशु कुमार को तत्काल कार्यमुक्त करने का अनुरोध किया गया है ताकि वे केंद्र में अपना नया कार्यभार ग्रहण कर सकें।
कौन हैं हिमांशु कुमार
हिमांशु कुमार का जन्म 29 मई 1986 को बिहार के मोतिहारी, चंपारण में हुआ था। उनके पिता का नाम मनोज कुमार है। उन्होंने पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई की है। अपने सेवा काल में हिमांशु कुमार कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और उनका कार्यकाल काफी चर्चित रहा है।
हालांकि, 2020 में हिमांशु कुमार सहित पांच आईपीएस अधिकारियों पर ट्रांसफर-पोस्टिंग रैकेट में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर हिमांशु कुमार के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू की गई थी। विजिलेंस ने अपनी जांच में हिमांशु कुमार को क्लीन चिट दे दी थी, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया था।
अब मिली नई जिम्मेदारी
विजिलेंस जांच से मुक्त होने के बाद हिमांशु कुमार के डीआईजी पद पर प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ। 19 नवंबर 2024 को विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक में उनकी प्रोन्नति पर मुहर लगी, और उन्हें डीआईजी पद पर प्रोन्नत किया गया। यह प्रोन्नति 1 जनवरी 2023 से प्रभावी मानी गई है।
प्रोन्नति के बाद हिमांशु कुमार को मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए गठित सीबीआई की विशेष टीम में शामिल किया गया था। अब, आईटीबीपी में डीआईजी के पद पर उनकी नियुक्ति के साथ, हिमांशु कुमार की जिम्मेदारियों में और वृद्धि हुई है। उनकी इस नई नियुक्ति से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को उनकी अनुभव और नेतृत्व क्षमता का लाभ मिलेगा।