उत्तर प्रदेश पुलिस के मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार ने अपने सेवा काल के अंतिम दौर में पुलिस विभाग को एक ऐसा तोहफा दिया है, जिसकी लंबे समय से मांग हो रही थी। अपने रिटायरमेंट से ठीक पहले उन्होंने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पुलिस विभाग में कार्यरत दंपति कर्मचारियों को एक ही जिले में तैनाती की सुविधा देने का आदेश जारी किया है।
हजारों पुलिसकर्मियों के लिए खुशखबरी
यह फैसला उन हजारों पुलिसकर्मियों के लिए राहत लेकर आया है, जो अब तक पारिवारिक जिम्मेदारियों और ड्यूटी के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। खासकर वे दंपति जो अलग-अलग जिलों में तैनात रहते थे, अब उनके पास साथ रहने और पारिवारिक जीवन को सहज ढंग से जीने का अवसर मिलेगा।
डीजीपी के इस फैसले को न सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय बल्कि एक भावनात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस विभाग जैसे चुनौतीपूर्ण सेवा क्षेत्र में जहां 24×7 ड्यूटी और मानसिक दबाव आम बात है, वहां पति-पत्नी को एक ही स्थान पर तैनात करने की व्यवस्था एक बड़ा कदम है।
इस आदेश को अनुकंपा नीति के तहत लागू किया गया है और इससे विभाग में कार्यरत महिला और पुरुष दोनों कर्मचारियों को समान रूप से लाभ मिलेगा। अब पुलिसकर्मी अपने परिवार के करीब रहकर बेहतर तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।
रहेगी यादगार उपलब्धि
डीजीपी प्रशांत कुमार का यह निर्णय पुलिस व्यवस्था में मानवीय सोच की झलक देता है और इसे उनकी विदाई से पहले यादगार उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। उनके इस कदम की विभागीय स्तर पर जमकर सराहना हो रही है।