कानपुर। जहां खाकी वर्दी देखकर बड़े-बड़े अपराधी रास्ता बदल लेते हैं, वहीं यूपी के कानपुर में पुलिस अब खुद डर के साए में काम कर रही है—वजह है बंदरों का आतंक। पुलिस कमिश्नर ऑफिस जैसे हाई-सिक्योरिटी इलाके में बंदरों ने इस कदर उत्पात मचा रखा है कि अब पुलिसकर्मी अपनी सुरक्षा के लिए लंगूर के कटआउट्स का सहारा ले रहे हैं।
चल रही बंदरों की मनमानी
कमिश्नरेट परिसर में पुलिस कमिश्नर से लेकर ज्वाइंट सीपी और डीसीपी तक के दफ्तर मौजूद हैं, लेकिन यहां बंदरों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि कभी किसी की टोपी ले जाते हैं तो कभी चालान बुक फाड़ देते हैं। यहां तक कि फरियादी की झोली भी नहीं छोड़ते।
बंदरों को भगाने के लिए नगर निगम को कई बार सूचना दी गई, मगर नतीजा सिफर रहा। अंततः पुलिस ने ‘कांटे से कांटा’ निकालने की तर्ज पर लंगूरों के बड़े-बड़े पोस्टर दफ्तर के चारों ओर लगा दिए, ताकि बंदरों को डराया जा सके।
हालात ये हैं कि बंदर अब इन कटआउट्स से भी बेखौफ हैं। न फाइलें सुरक्षित हैं, न गाड़ियों की सीटें। परेशान पुलिसकर्मी अब डंडों के सहारे खुद को बचा रहे हैं, और जैसे ही कोई बंदर आता है, उसे धमकाने की कोशिश करते हैं।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
परेशानी इतनी बढ़ चुकी है कि खुद पुलिस अधिकारी भी कुछ कहने से बच रहे हैं। कर्मचारी साफ कह रहे हैं कि सुरक्षा का जिम्मा जिनके कंधों पर है, वही अब खुद को असुरक्षित महसूसकर रहे हैं।