उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में 29 मई को एक खास आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन उन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के सम्मान में है जो इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पुलिस विभाग की ओर से जारी आमंत्रण पत्र में बताया गया है कि आईपीएस पी.वी. रामाशास्त्री, डॉ. संजय एम. तरड़े, श्रीमती कंचन यादव, डॉ. अरविंद चतुर्वेदी और तेज स्वरूप सिंह के सम्मान में गोमतीनगर विस्तार स्थित पुलिस मुख्यालय में विदाई समारोह और मध्याह्न भोज का आयोजन किया गया है।
डीजीपी का नाम गायब
हालांकि इस सूची में जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा थी – कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार – उसका उल्लेख नहीं है। यही अनुपस्थिति कई संकेत छोड़ रही है। पुलिस महकमे और प्रशासनिक गलियारों में यह कयास तेज हो गए हैं कि प्रशांत कुमार को कार्यकाल विस्तार मिल सकता है, या फिर वह यूपी पुलिस की कमान कुछ और समय तक संभालते रह सकते हैं।
प्रशांत कुमार वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक हैं और उनका कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। यदि उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिलता तो उन्हें इस विदाई सूची में होना चाहिए था। लेकिन आमंत्रण पत्र में उनका नाम न होना दर्शाता है कि मामला अभी खुला है – और खेल अब भी बाकी है।
मिल सकता है विस्तार
एक ओर जहां अन्य वरिष्ठ अधिकारी औपचारिक विदाई की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं डीजीपी प्रशांत कुमार का नाम न होना यह भी दर्शाता है कि शासन स्तर पर कोई बड़ा निर्णय लंबित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उनके अच्छे कार्य संबंध और अपराध नियंत्रण में उनका सख्त रुख पहले भी कई बार चर्चा में रह चुका है। ऐसे में यह अनुमान गलत नहीं होगा कि उन्हें कार्यकाल विस्तार देकर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की कमान कुछ और महीनों के लिए सौंपी जा सकती है।
सूत्रों की मानें तो 31 मई के आसपास अंतिम निर्णय सामने आएगा। लेकिन पुलिस मुख्यालय में आयोजित विदाई भोज से प्रशांत कुमार का नाम गायब होना इस ओर स्पष्ट संकेत देता है कि वह मैदान में डटे हुए हैं – और आगे भी पुलिस महकमे में उनकी ‘बल्लेबाजी’ जारी रह सकती है।