ड्रोन, GPS और AI की मदद से कड़ी निगरानी: लखनऊ बना डिजिटल सुरक्षा का मॉडल

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भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव का असर अब देश के भीतरी इलाकों में भी दिखने लगा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जहां सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक बढ़ा दिया गया है। संभावित आतंकी गतिविधियों के खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर के भीतर करीब 40 अस्थायी चेक पोस्ट स्थापित कर दिए हैं।

हर दिशा के वाहनों पर नजर

संवेदनशील इलाकों जैसे कैसरबाग, अमीनाबाद, गोमतीनगर, आलमबाग और एयरपोर्ट के आसपास नाकेबंदी कर दी गई है। सभी चेक पोस्टों पर बालू भरी बोरियों से बैरिकेडिंग की गई है और वहां 24 घंटे सशस्त्र बल तैनात किया गया है। पुलिस ने इन चेक पोस्टों को बस अड्डों, फ्लाईओवर, मंदिरों और स्कूलों के पास इस तरह से रखा है कि हर दिशा से आने वाले संदिग्धों पर नजर रखी जा सके।

तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए शहर में 12 क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) भी सक्रिय कर दी गई हैं। ये टीमें अत्याधुनिक हथियारों और निगरानी डिवाइस से लैस हैं। इसके साथ ही ‘कुराज टीम’ भी तैनात की गई है जो खासतौर पर आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए प्रशिक्षित है।

ड्रोन से हो रही निगरानी

ड्रोन की मदद से संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है, जबकि इंटरस्टेट बॉर्डर पर सख्त चेकिंग अभियान चल रहा है। एलआईयू, एटीएस, एसटीएफ और साइबर टीमें भी सक्रिय हैं।

पुलिस ने आम नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत 112 या नजदीकी थाने को देने की अपील की है। लखनऊ पुलिस ने साफ किया है कि सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।

 

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