प्रयागराज की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को नए सिरे से मजबूत करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए वर्ष 2007 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जोगेन्द्र कुमार को पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया है। तेज-तर्रार, निष्पक्ष और जनसरोकारों के प्रति सजग छवि वाले जोगेन्द्र कुमार की तैनाती को शासन ने एक रणनीतिक निर्णय के रूप में देखा है, जो शहर के सामाजिक-सांस्कृतिक स्वरूप को सुरक्षित रखते हुए अपराध पर लगाम कसने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
कौन हैं जोगेन्द्र कुमार
राजस्थान के बाड़मेर जिले से आने वाले जोगेन्द्र कुमार ने शिक्षा जगत से अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन उनका झुकाव प्रशासनिक सेवा की ओर रहा। वर्ष 2006 में UPSC की परीक्षा पास कर वे भारतीय पुलिस सेवा में आए और 2007 बैच के अधिकारी बने। मऊ, अयोध्या, गोरखपुर और आगरा जैसे संवेदनशील जिलों में उनकी भूमिका हमेशा निर्णायक रही है।
मऊ में एसपी रहते हुए 2012 में एक खतरनाक ऑपरेशन के दौरान 15 हजार लोगों की जान बचाकर उन्होंने जो साहस दिखाया, वह आज भी मिसाल बना हुआ है। उस अभियान में दो कुख्यात इनामी अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया गया था।
जीरो टॉलरेंस को नीति पर होगा काम
प्रयागराज जैसे धार्मिक, ऐतिहासिक और शिक्षा के केंद्र माने जाने वाले शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। ऐसे में जोगेन्द्र कुमार की नियुक्ति से जनता में विश्वास का माहौल बना है। ऐसा माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में अपराध, विशेषकर साइबर क्राइम, महिला अपराध और संगठित गिरोहों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम किया जाएगा।
जनसंवाद, पारदर्शिता और फील्ड में सक्रियता को प्राथमिकता देने वाले जोगेन्द्र कुमार का मानना है कि पुलिस की कार्यशैली तभी प्रभावशाली बन सकती है जब जनता का सीधा विश्वास उस पर कायम हो। राष्ट्रपति वीरता पदक से सम्मानित इस अधिकारी के आने से पुलिस महकमे के भीतर भी नई ऊर्जा का संचार देखा जा रहा है।