UP के किस जिले में गैंगस्टर एक्ट में कितनी FIR दर्ज, जानें डिटेल में

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राज्य सरकार के लगातार अभियानों के चलते उत्तर प्रदेश में बड़े माफिया नेटवर्क की कमर टूट चुकी है। कई नामी अपराधी या तो जेल की सलाखों के पीछे हैं या मारे जा चुके हैं। हालांकि, छोटे स्तर के गैंगस्टर अब भी पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं, और इसका प्रमाण पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मामलों से साफ देखा जा सकता है।

ये है मामला

1 जुलाई 2024 से 12 अप्रैल 2025 तक प्रदेशभर में गैंगस्टर एक्ट के तहत कुल 1,583 एफआईआर दर्ज की गईं। इस सूची में प्रतापगढ़ सबसे आगे है, जहां अकेले 99 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसके बाद बुलंदशहर (91), मुजफ्फरनगर (86), चंदौली (71) और मेरठ (66) का स्थान आता है।

प्रतापगढ़ पुलिस ने केवल मुकदमे ही दर्ज नहीं किए, बल्कि कार्रवाई के स्तर पर भी मिसाल कायम की है। बीते छह महीनों में 220 से अधिक आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया।

खास बात यह रही कि वहां ‘बीट सिस्टम’ लागू किया गया, जिसके तहत हर बीट कांस्टेबल को जिम्मेदारी दी गई कि वह अपने क्षेत्र में सक्रिय गैंगस्टरों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। इस कार्य में सफल रहने वाले कांस्टेबलों को एसपी स्तर से प्रशंसा पत्र भी दिया गया।

इन जिलों के आंकड़े भी देखें

वहीं दूसरी ओर प्रयागराज कमिश्नरेट में इस अवधि में केवल 5 एफआईआर दर्ज की गईं, जबकि लखनऊ कमिश्नरेट में 11 मुकदमे दर्ज हुए। आजमगढ़, अलीगढ़, सोनभद्र, गोरखपुर और बाराबंकी जैसे जिले भी पीछे नहीं रहे, जहां गैंगस्टर एक्ट के तहत कई कार्रवाइयां हुईं।

हालांकि बलिया, झांसी, बिजनौर, बरेली, कानपुर देहात और बदायूं समेत कई जिलों में 10 से भी कम एफआईआर दर्ज की गईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन क्षेत्रों में या तो गिरोह कम सक्रिय हैं या फिर कार्रवाई की रफ्तार धीमी है।

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