उत्तर प्रदेश में आज युवाओं के एक लंबे इंतजार का अंत हुआ, जब राजधानी लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में आयोजित भव्य समारोह में 60,244 नवचयनित सिपाहियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न यह आयोजन ना केवल प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती का प्रतीक बना, बल्कि शासन की पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का प्रमाण भी।
सीएम योगी ने कहा ये
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में अब नौकरियों के लिए सिफारिश और भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, डिजिटल और योग्यता आधारित रही है। उन्होंने यह भी बताया कि 2017 से अब तक 2.16 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जा चुकी है, और पिछले 8 वर्षों में 8.5 लाख से अधिक युवाओं को विभिन्न सरकारी विभागों में रोजगार मिला है।
नवनियुक्त सिपाहियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “ट्रेनिंग में जितना पसीना बहाओगे, ड्यूटी पर उतना ही कम खून बहाना पड़ेगा।” उन्होंने पुलिस बल से संयमित और संवेदनशील व्यवहार की अपेक्षा जताते हुए कुंभ जैसे आयोजनों में पुलिस की भूमिका की सराहना की।
अमित शाह ने कहा ये
इस आयोजन में अमित शाह ने यूपी सरकार की कानून व्यवस्था में सुधार को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, “एक समय था जब उत्तर प्रदेश दंगों के लिए बदनाम था, लेकिन अब यही प्रदेश शांति और सुशासन की मिसाल बन चुका है।”
युवाओं में दौड़ा उत्साह
इस मौके पर प्रदेश में साइबर क्राइम और तकनीकी अपराधों से निपटने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी गई। अब तक सभी 75 जिलों में साइबर थाने स्थापित किए जा चुके हैं, 8 फॉरेंसिक लैब पूरी तरह तैयार हैं और 6 अन्य का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
नियुक्ति पत्र पाकर युवाओं में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई। यह भर्ती प्रक्रिया न केवल युवाओं के सपनों को साकार करने वाली साबित हुई है, बल्कि प्रदेश की कानून व्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।