मां की ममता और ड्यूटी का फर्ज़—जब ये दोनों एक साथ सामने आते हैं, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। खासकर तब, जब मां एक वर्दीधारी हो और कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर तैनात हो। अब ऐसे ही जज्बे को सलाम करते हुए गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक नई और सराहनीय पहल शुरू की है, जो प्रदेश की महिला पुलिसकर्मियों के लिए राहत लेकर आएगी।
डीजीपी ने दिया था आदेश
डीजीपी उत्तर प्रदेश के निर्देश के बाद जिले में महिला पुलिसकर्मियों के लिए थानों और पुलिस ऑफिसों में ‘क्रेच’ और ‘रेस्ट एरिया’ विकसित किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसका मकसद उन पुलिसकर्मी माताओं को सहयोग देना है जो ड्यूटी के साथ-साथ अपने छोटे बच्चों की देखरेख की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
अब तक कई बार थानों में ऐसी तस्वीरें देखने को मिली हैं, जहां महिला पुलिसकर्मी नवजात शिशुओं को गोद में लेकर अपनी ड्यूटी करती नजर आई हैं। यह दृश्य जहां उनके समर्पण को दिखाता है, वहीं यह भी संकेत देता है कि उनके लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं थी। इसी चुनौती को समझते हुए प्रशासन ने यह बड़ा कदम उठाया है।
सभी थानों में खुलेंगे क्रेच
गौतमबुद्धनगर के सभी थानों और पुलिस कार्यालयों में यह क्रेच सेंटर बनाए जाएंगे। इन क्रेचों में बच्चों के खेलने के लिए खिलौनों की व्यवस्था, देखभाल के लिए स्टाफ और आरामदायक माहौल तैयार किया जाएगा। इससे महिला पुलिसकर्मी बीच-बीच में अपने बच्चों से मिल भी सकेंगी और कार्य के दौरान मन की शांति भी पा सकेंगी।
हालांकि, इस योजना को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। कुछ थानों में पर्याप्त जगह की कमी है, ऐसे में नई बिल्डिंग मिलने तक या वैकल्पिक स्थान मिलने के बाद ही वहां क्रेच और रेस्ट एरिया बन पाएंगे। अधिकारियों के मुताबिक, प्राथमिकता उन स्थानों को दी जा रही है जहां पहले से खाली स्थान उपलब्ध है।
साबित होगा अहम कदम
यह सुविधा न केवल महिला कर्मियों को कार्यस्थल पर बेहतर सहयोग देगी, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संतुलन को भी मजबूत करेगी। आने वाले समय में यह मॉडल राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है, जो महिला सशक्तिकरण और मानवीय पुलिसिंग की दिशा में एक अहम कदम होगा।