वो कहावत है ना कि, कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…इस कहावत को चरिर्तार्थ किया है यूपी पुलिस के एक सिपाही ने। दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही ने अपनी मेहनत के दमपर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (UP PCS) 2023 में 20वीं रैं हासिल की है। उनकी इस सफलता से ना सिर्फ उनके घर बल्कि पूरे विभाग में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनकी इस कामयाबी पर उनके साथी और गांव के लोग बेहद खुश हैं. दोस्त, पड़ोसी और रिश्तेदार बधाई दे रहे हैं।
नौकरी के साथ की पढ़ाई
जानकारी के मुताबिक, दीपक सिंह जनपद बाराबंकी के छोटे से गांव सेमराय के रहने वाले हैं इनके पिता अशोक कुमार सिंह किसान हैं और माता गृहणी हैं वह 5 भाई बहनों में दूसरे नंबर पर आते हैं। उन्होंने साल 2018 में यूपी पुलिस भर्ती में कॉन्स्टेबल की नौकरी हासिल की थी और इस वक्त हरदोई जिले में पोस्टेड हैं। भले ही वो सिपाही बन गए थे, लेकिन उनके मन में अफसर बनने का सपना पल रहा था।
वे नौकरी के साथ-साथ प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते रहे और मेहनत से अपनी किस्मत पलट दी। 2023 में दीपक ने यूपीपीसीएस की परीक्षा में शामिल हुए तो प्री और मेन्स एग्जाम क्लियर करने बाद 12 जनवरी को पीसीएस का इंटरव्यू दिया था। उन्होंने इस पूरे प्रदेश में 20वां स्थान प्राप्त किया है। अब वे डिप्टी कलेक्टर यानी एसडीएम बनेंगे।
बात करें उनकी पर्सनल लाइफ की तो सिपाही के पिता अशोक कुमार किसान हैं और मां कृष्णा गृहिणी हैं। कहीं वह अपने लक्ष्य से भटक ना जाएं इसके लिए दीपक अपने बिस्तर के पास एक व्हाइट बोर्ड रख लिया था, जिस पर ना मिटने वाले मार्कर पेन से एसडीएम लिख लिख लिया था जैसे ही वह सोने जाते तो उन्हें बोर्ड देख कर अपने एसडीएम बनने के लक्ष्य का याद रहता और सुबह उठते ही बोर्ड को देख कर लक्ष्य प्राप्ति में जुट जाते थे।
अफसर दे रहे बधाई
अपने स्ट्रगल के बारे में दीपक ने बताया कि, पुलिस में नौकरी के साथ पीसीएस की पढ़ाई के लिए उन्हें सिर्फ 4 से 5 घंटे ही मिला करते थे, जिसमें वह किराए के 10 बाई 10 के कमरे में रहकर पढ़ाई किया करते थे। इसके साथ ही वो पुलिस लाइन में बनी लाइब्रेरी में भी लाकर जी तोड़ मेहनत से पढ़ाई करते थे। इसी का नतीजा है, कि अब उन्होंने अपनी मंजिल पा ली। अब दीपक सिंह के डिप्टी कलेक्टर बनते ही पुलिस महकमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी हर कर्मचारियों की बधाइयां मिलनी लगीं। जिले भर के बड़े अफसर उन्हें बधाई दे रहे हैं।