उत्तर प्रदेश पुलिस में गोरखपुर जनपद के अपराध अनुसंधान विभाग में तैनात सिपाही शिवाम्बुज पटेल ने अपनी सेवा भावना और मानवीय संवेदनाओं से एक नई मिसाल कायम की है। खाकी वर्दी पहनने के साथ ही उन्होंने न केवल कानून व्यवस्था संभाली, बल्कि जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के लिए लगातार रक्तदान करते रहे। अब तक वे 28 बार रक्तदान कर चुके हैं, और उनका यह सफर थमने का नाम नहीं ले रहा।
संगठन की हुई शुरुआत
शिवाम्बुज पटेल ने ‘रक्तवीर युवा क्लब’ नामक एक संगठन की भी स्थापना की है, जिसकी मदद से हजारों लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया है। इस क्लब से जुड़कर न सिर्फ युवा बल्कि समाज के हर वर्ग के लोग रक्तदान की मुहिम का हिस्सा बन चुके हैं। संगठन के माध्यम से अनेक गंभीर मरीजों को समय पर रक्त मिल पाया, जिससे उनकी जान बच सकी।
कठिन परिस्थिति से हुई थी शुरुआत
शिवाम्बुज के इस अभियान की शुरुआत एक कठिन परिस्थिति से हुई थी, जब उनकी पुलिस भर्ती की दौड़ पास थी और उसी समय एक महिला को तत्काल रक्त की जरूरत पड़ी। उन्होंने अपनी भर्ती की चिंता किए बिना रक्तदान किया और यहीं से उनका यह सेवाभाव जन्मा।
उनका कहना है, “किसी की जान बचाना ही सबसे बड़ी उपलब्धि होती है। रक्तदान से थकान नहीं आती, बल्कि आत्मिक संतोष मिलता है।”
वे मानते हैं कि आज भी समाज में रक्तदान को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें तोड़ने और सही जानकारी देने की ज़रूरत है। उनकी इस सकारात्मक पहल की सराहना पुलिस विभाग के अधिकारी भी करते हैं। शिवाम्बुज की यह सेवा न सिर्फ आमजन का भरोसा पुलिस पर बढ़ा रही है, बल्कि वर्दी के पीछे छिपे एक संवेदनशील इंसान को भी उजागर कर रही है।