ड्रग्स मामले में बड़े खुलासे के बाद नोएडा के 10 पुलिसकर्मी फंसे

गौतमबुद्ध नगर में 10 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिनकी संलिप्ता से सैकड़ों करोड़ रुपए का ड्रग्स ग्रेटर नोएडा में बना। दरअसल, बीते 17 मई 2023 को ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक मकान में ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था। इस मामले में पहले से सवाल खड़े थे कि क्या पुलिसकर्मियों की ड्रग्स फैक्ट्री चलवाने में संलिप्त हैं? इस मामले की जांच गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने ग्रेटर नोएडा के डीसीपी को दी। करीब 4 महीने तक इस मामले में गंभीरता जांच की गई और अब हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। ड्रग्स फैक्ट्री चलाने में ग्रेटर नोएडा के 10 पुलिसकर्मियों की संलिप्ता पाई गई है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर डीसीपी ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को भेज दी। जिसके बाद अब इन 10 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। माना जा रहा है कि इन पुलिस कर्मियों की वजह से ही गौतमबुद्ध नगर पुलिस की वर्दी पर दाग लगा है।

चौकी और प्रभारी अधिकारियों के नाम शामिल
जानकारी के मुताबिक इसमें कई प्रभारियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है। हालांकि इसमें कौन-कौन पुलिसकर्मी शामिल हैं, इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया। बीटा दो थाना क्षेत्र में 31 मई को मित्रा सोसाईटी में यह फैक्टरी पकड़ी गई थी। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि जांच में जिन पुलिसकर्मियों के नाम आए हैं, उन पर कार्रवाई होगी। जांच के दायरे में आए पुलिसकर्मियों की संख्या 10 से अधिक भी हो सकती है। जांच रिपोर्ट में 2019 में यह फैक्टरी स्थापित होने से लेकर 2023 में पकड़े जाने के दौरान थाना, चौकी और प्रभारी अधिकारियों के नाम हैं।

ड्रग्स की कीमत थी 300 करोड़ रुपए
ग्रेटर नोएडा की ड्रग्स फैक्ट्री तीन साल से चल रही थी। इस ट्रक फैक्ट्री में अब तक कितने मादक पदार्थ बनाए जा चुके हैं? इसका अंदाजा लगाना पुलिस के लिए संभव नहीं है। इस ऑपरेशन में शामिल रहे पुलिस अफसरों का कहना था कि कार्यवाही के दौरान 46 किलोग्राम तैयार एमडीएमए ड्रग्स मिला है। करीब इतनी ही मात्रा में रसायन मिले हैं। इन सब की कीमत 300 करोड़ रुपए है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 3 वर्षों के दौरान इन लोगों ने कितना ड्रग्स बनाया होगा। उस ड्रग्स की मात्रा और उसकी कीमत का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है। पुलिस का मानना है कि इन लोगों ने हजारों करोड़ रुपए का ड्रग्स बनाकर ना केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि देशभर में खपाया है। अब पुलिस इस गैंग को केमिकल सप्लाई करने वालों और तैयार ड्रग्स को डिस्ट्रीब्यूट करने वालों का पता गाने में जुट गई है।

150 करोड़ की एमडीएमए बरामद की थी
इस मामले में पुलिस ने ड्रग्स फैक्टरी से लगभग 150 करोड़ की एमडीएमए बरामद की थी। मामले में अफ्रीका मूल के साइमन, केसिएना रिमी और इग्वे साइमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। स्वाट टीम, बीटा-2 व कासना थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने यह फैक्टरी पकड़ी थी। इसका लिंक 16 मई को सूरजपुर थाना एरिया के थीटा-2 में पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन में शामिल एक आरोपी से रिमांड पर पूछताछ में पुलिस को मिला था।

इन 5 लाख लोगों को सप्लाई होता ड्रग्स
गौतमबुद्ध नगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 विश्वविद्यालय हैं। करीब 150 दूसरे शिक्षण संस्थान हैं। इनमें तीन लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। जिले में 50 से ज्यादा मुल्कों के छात्र हैं। ड्रग्स कार्टेल की नजर इन 3 लाख स्टूडेंट्स पर थी। इसके अलावा पूरे दिल्ली-एनसीआर में युवा पेशेवर इनके सबसे बड़े खरीदार बताए जाते हैं। अकेले गौतमबुद्ध नगर में यूथ प्रोफेसनल्स की संख्या दो लाख है।

कहां पर थी ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री

सारे अभियुक्त अफ्रीकी मूल के निवासी हैं और दिल्ली-एनसीआर रीजन में ड्रग्स सप्लाई सिंडीकेट चलाते थे। यहीं इनका बेस था। हाल में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर थीटा-2 स्थित मकान नंबर 279 में इन्होंने एक फैक्ट्री सैट-अप बनाया था। ड्रग्स मैन्यूफैक्चरिंग के बाद ये उसकी सप्लाई दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में करते थे। इनके रॉ मैटेरियल और केमिकल सप्लायर्स थे।

11 देशों में फैले महादेव एप का आखिर क्या है नोएडा कनेक्शन? गौतमबुद्धनगर में बैठकर 400 करोड़ से ज्यादा की ठगी

देशभर में हजारों करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाले महादेव एप का नोएडा से भी संबंध रहा है। भारत सरकार ने महादेव एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इस एप से फर्जीवाड़ा करने वाले एक हाईप्रोफाइल गिरोह का नोएडा पुलिस ने फरवरी 2023 में खुलासा किया था। इसमें नोएडा में बैठकर 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी

नोएडा पुलिस में अभी भी इस गिरोह के कई आरोपी वांटेड हैं। एक बार फिर महादेव एप चर्चा में है। नोएडा पुलिस ने महादेव एप से जुड़े एक गिरोह के 16 जालसाजों को गिरफ्तार किया था। ये जालसाज सेक्टर-108 में एक मकान किराए पर लेकर जालसाजी कर रहे थे। उस दौरान पूछताछ में 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी।
जालसाज सेक्टर-108 में एक मकान किराए पर लेकर जालसाजी कर रहे थे। उस दौरान पूछताछ में 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी।

उस दौरान सौरभ नामक एक मास्टरमाइंड का भी नाम सामने आया था। जिसके बारे में बताया गया था कि वह दुबई में बैठकर इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। सौरभ अभी तक पकड़ा नहीं गया है। नोएडा पुलिस ने इस दौरान जालसाजों से डेढ़ करोड़ रुपये भी बरामद किए थे।

11 देशों में नेटवर्क होने की मिली थी जानकारी
जब नोएडा पुलिस ने इस हाईप्रोफाइल जालसाज गिरोह का खुलासा किया, तब 11 देशों में नेटवर्क होने की जानकारी मिली थी। इनमें दुबई, श्रीलंका, मालदीव, सिंगापुर से लेकर अन्य एशियाई व अफ्रीकी देश शामिल हैं। वहीं कई देशों में फ्रेंचाइजी देने की बात भी सामने आई थी। हालांकि इस एप के चलाने वालों का केंद्र छत्तीसगढ़ था।
इस कारण नोएडा पुलिस आगे की कार्रवाई कर नहीं पाई थी। अब ईडी समेत अन्य एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हुई हैं। महादेव एप के खुलासे के बाद पता चला था कि सचिन इस फर्जी एप का नोएडा में हेड था। पुलिस ने सचिन समेत उसकी गर्लफ्रेंड व अन्य के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक दोनों गिरफ्तार नहीं हुए

Elvish Yadav Case: NOIDA POLICE का एल्विश यादव पर शिकंजा हुआ तेज, पूछताछ के लिए भेजा नोटिस…खुलेंगे कई राज़

रेव पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में घिरे एल्विश यादव की मुसीबत अब बढ़ गई है। नोएडा पुलिस ने एलविश यादव को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड की सुनवाई कोर्ट में जारी है। इस मामले में पुलिस की सा टीम में जांच में जुटी हुई है

नोएडा कमिश्नरेट के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि रेव पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में आरोपी एल्विस यादव को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब पुलिस की टीम इस प्रकरण में एल्विस यादव से पूछताछ करेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वही सूरजपुर स्थित कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तार पांचो आरोपियों की 14 दिन की डिमांड पर सुनवाई चल रही है। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड मिलते ही अलग-अलग टीम इनसे पूछताछ करेंगी

कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब पुलिस की टीम इस प्रकरण में एल्विस यादव से पूछताछ करेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वही सूरजपुर स्थित कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तार पांचो आरोपियों की 14 दिन की डिमांड पर सुनवाई चल रही है। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड मिलते ही अलग-अलग टीम इनसे पूछताछ करेंगी।

हाईप्रोफाइल मामले की जांच कोतवाली सेक्टर-49 से हटाकर कोतवाली सेक्टर-20 को सौंप दी गई है। पीपुल फॉर एनिमल (पीएफए) की ओर से शुक्रवार को कोतवाली सेक्टर-49 में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में एल्विश यादव समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था हालांकि एल्विश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब पुलिस एल्विश पर कार्रवाई की तैयारी में जुटी है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि एल्विश को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

वहीं इस जांच को आगे बढ़ाने व साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर गिरफ्तार राहुल, टीटूनाथ, जयकरण, नारायण और रविनाथ की 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी है। रिमांड मिलने के बाद पुलिस पांचों से पूछताछ करेगी।

पुलिस पांचों आरोपियों की कॉल रिकार्ड खंगाल रही है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि आरोपियों की एल्विश से बात होती थी या नहीं। वहीं एल्विश के खिलाफ केस दर्ज करने वाले सेक्टर-49 थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करने के बाद अब मामले की जांच भी सेक्टर-49 से हटाकर सेक्टर-20 थाने को ट्रांसफर कर दी गई है। इससे पहले मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर दीपक थे। अब जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर कैलाशनाथ को सौंपा गया है।

रेव पार्टी का इनपुट मिला

पुलिस की जांच में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में रेव पार्टी के आयोजन की बात सामने आई है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि इन पार्टियों में सांपों के जहर की सप्लाई की जाती थी या नहीं। इसके साथ ही नोएडा में रेव पार्टी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस प्रकरण में एल्विश यादव पर रेव पार्टी आयोजित कराने, पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने और विदेशी लड़कियों को बुलाने के आरोप लगे हैं

पुलिस एल्विश के सोशल मीडिया अकाउंट समेत नाइजीरियन एप खंगाल रही है। आशंका है कि सोशल मीडिया व नाइजीरियन एप के माध्यम से सापों के जहर को लेकर सौदा किया गया था। जिस तरह डार्क बेव पर ड्रग्स की डील होती है। उसी तरह सांपों के जहर की सप्लाई की आशंका जताई जा रही है। पुलिस कई साइट, विदेशी एप समेत अन्य अकाउंट खंगाल रही है।

एल्विश यादव को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। मामले की जांच जारी है। सभी तरह के साक्ष्यों को एकत्र करने का काम चल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। – लक्ष्मी सिंह, पुलिस कमिश्नर

थानाध्यक्ष राजेश कुमार को मिली सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग, SI योगेंद्र प्रसाद ने पाया सर्वश्रेष्ठ विवेचक का स्थान

मार्च से जनपद में लागू की गई थाना मूल्यांकन प्रणाली की समीक्षा की गई। इस प्रणाली में कुल 30 बिंदुओं का समावेश कर उन पर अंक प्रदान कर थानों की रैंकिंग देने के लिए विकसित की गई है

एसपी अनुराग आर्य द्वारा थानों की मूल्यांकन प्रणाली विकसित की गई। जिसके तहत उनके द्वारा सोमवार को थानाध्यक्षों और विवेचकों की समीक्षा की गई। जिसमें मुबारकपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार को सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग प्रदान की गई। वहीं एसआई योगेंद्र प्रसाद सर्वश्रेष्ठ विवेचक घोषित हुए

मार्च से जनपद में लागू की गई थाना मूल्यांकन प्रणाली की समीक्षा की गई। इस प्रणाली में कुल 30 बिंदुओं का समावेश कर उन पर अंक प्रदान कर थानों की रैंकिंग देने के लिए विकसित की गई है। इसमें प्रार्थना पत्र, आईजीआरएस, एफआईआर पंजीकरण, घटना अनावरण, अपराधियों की गिरफ्तारी, वारंटी गिरफ्तारी, त्रिनेत्र एप में अपराधी का डाटा फीड करना, गुंडा एक्ट में कार्रवाई आदि के धनात्मक अंक प्रदान किए जाते हैं।

इसमें आमजन से दुर्व्यवहार, भ्रष्टाचार की शिकायत, अपराधी के फरार रहने, समन तामील न करने आदि के ऋणात्मक अंक दिए जाते हैं। सोमवार को की गई अक्टूबर माह की समीक्षा में मुबारकपुर थाना प्रभारी राजेश कुमार प्रथम स्थान पर रहे। जबकि सुनील दुबे थानाध्यक्ष अहरौला द्वितीय और थानाध्यक्ष निजामाबाद सच्चिदानंद यादव तीसरे स्थान पर रहे। सर्वश्रेष्ठ विवेचक की समीक्षा में एसआई योगेंद्र प्रसाद को सर्वश्रेष्ठ विवेचक घोषित किया गया। सभी को एसपी अनुराग आर्य द्वारा पुरस्कृत किया गया।

UP POLICE के सामने निकल गई फर्जी पुलिसकर्मी की हैकड़ी, 3 स्टार, खाकी वर्दी

फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बन कर वाहन चालकों से वसूली करने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने मंगलवार की भोर में गिरफ्तार किया। पकड़े गए व्यक्ति के पास से छह स्टार लगी पुलिस की वर्दी, कैप, जूता, दो हजार नकदी व फर्जी आईकार्ड भी बरामद हुआ है। गिट्टी लदी एक ट्रक के चालक की शिकायत पर शुरू हुई जांच में फर्जी इंस्पेक्टर पकड़ में आया है।

निजामाबाद थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी अजीत यादव ट्रक चालक है। सोमवार को वह अपने ट्रक पर गिट्टी लाद कर आ रहा था। साढ़े चार बजे भोर में मुहम्मदपुर से फरिहां मार्ग पर पुलिस की वर्दी में एक व्यक्तितेन उसे रूकने का इशारा किया। अजीत ने गाड़ी रोका तो उक्त व्यक्ति उसे वर्दी का धौंस देते हुए धमकाने लगा। गाली-गलौज देते हुए उससे पांच हजार रुपये की डिमांड किया। पुलिस के डर से अजीत ने दो हजार उसे दिया तो दो हजार रुपये लेकर वह चलता बना। अजीत के अनुसार वर्दी पर लगे नेम प्लेट पर मुकेश पांडेय लिखा हुआ था। अजीत को कुछ शक हुआ तो उसने एसपी कार्यालय व थाने पर शिकायत किया। थाने पर मुकेश पांडेय नाम के किसी इंस्पेक्टर की तैनाती नहीं थी। जिस पर एसपी ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया। मंगलवार की भोर में निजामाबाद थाना व स्वाट टीम फर्जी दरोग की तलाश में जुटी थी। भोर में मुखबिर से सूचना मिली कि मुकेश पांडेय नेम प्लेट लगा कर वर्दी पहना हुआ एक व्यक्ति फरीदाबाद तिराहे पर मौजूद है और आने-जाने वाले वाहनों को रोक कर वसूली कर रहा है। इस सूचना पर पुलिस टीम पहुंची और उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम मुकेश पांडेय निवासी कुसमहरा थाना कप्तानगंज बताया। उसके पास से पुलिस ने छह स्टार लगी पुलिस की वदी, एक जोड़ी भूरे रंग का जूता, पुलिस कैप, यूपी पुलिस का बैच व आईकार्ड के साथ ही दो हजार रुपये नकद बरामद किया।

अखिलेश यादव ने डायल 112 की महिलाकर्मियों का किया समर्थन, शेयर किया मांग पत्र

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वेतन बढ़ोतरी सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहीं डायल 112 की महिला कर्मियों का समर्थन करते हुए उनका मांग पत्र सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर किया है।

अखिलेश यादव ने कहा कि ये ‘डॉयल 100’ के किसी एक ‘संवाद अधिकारी’ का ‘पीड़ा-पत्र’ नहीं है बल्कि हर एक का है।

मुख्यमंत्री से मिलने से पहले ही, रात भर ठंड में बैठकर अपनी मांग करने वाली बहन-बेटियों को सुबह हिरासत में ले लिया गया। भाजपा का नारी वंदन का सत्य रूप ‘नारी बंधन’है। शर्मनाक, निंदनीय, असहनीय!

डायल 112 की महिला कर्मचारी सोमवार रात से प्रदर्शन कर रही हैं। मंगलवार सुबह पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन वैन में डालकर वहां से हटाने की कोशिश की। महिला कर्मियों की मांग है कि उनका वेतन इन हैंड 18 हजार किया जाए और उन्हें एक साप्ताहिक अवकाश व महीने में दो पेड लीव दी जाए।

उन्होंने कहा कि टेंडर चेंज होने पर हमें बिना नोटिस पीरियड जॉब से निकाल दिया गया है क्योंकि हम लोगों ने इनकी बात नहीं मानी। उनकी मांग है कि हमें पुन: जॉब पर ऑफर लेटर और ज्वाइनिंग लेटर के साथ हमारी शर्तों के अनुकूल हमें हमारी जॉब दी जाए।

Elvish Yadav Arreste: आखिर क्यों कोटा से गिरफ्तार हुए एल्विश यादव को UP पुलिस से बात होने के बाद दे दी रिहाई?

ओटीटी बिग बॉस 2 के विजेता एल्विश यादव को राजस्थान के कोटा से गिरफ्तार कर लिया गया है. कोटा ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सुकेत थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान रेव पार्टी में सांप के विष प्रयोग में लेने के मामलों में आए थे. विवादों में कोटा ग्रामीण पुलिस ने नोएडा पुलिस से संपर्क किया. फिलहाल ग्रामीण पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.

बता दें कि बीते शुक्रवार को ओटीटी बिग बॉस 2 के विजेता एल्विश यादव को नोएडा में रेव पार्टी में सांपों का जहर परोसने के आरोप लगने का मामला सामने आया था. तो वहीं, खबरों की माने तो बॉलीवुड के टाइगर सलमान खान ने एल्विश यादव का सपोर्ट किया था. इसके बाद एल्विश यादव को ‘बिग बॉस 17’ के सेट पर भी देखा गया था. इस दौरान वो अपनी अपकमिंग म्यूजिक वीडियो ‘बोलेरो’ का प्रमोशन करने के लिए पहुंचे थे.

गायिका से सामूहिक दुष्कर्म का मामला : पूर्व विधायक विजय मिश्र को 15 साल की सजा,1 लाख का जुर्माना

ज्ञानपुर के पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र को सामूहिक दुष्कर्म मामले में 15 साल की सजा हो गई है। इसके अलावा एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट ने विजय मिश्र को दोषी करार दिया था। वहीं पूर्व विधायक के बेटे विष्णु मिश्र और नाती ज्योति उर्फ विकास मिश्र साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त हो गए थे। फैसले के बाद न्यायालय में सुरक्षा बढ़ा दी गई और डॉग स्क्वाड, क्राइम ब्रांच संग थाने की पुलिस तैनात की गई है।

ये है मामला
रिश्तेदार की संपत्ति हड़पने के मामले में पूर्व विधायक विजय मिश्र समेत कुनबे के छह सदस्यों पर जुलाई 2020 में मुकदमा दर्ज किया गया था। उसके बाद मध्य प्रदेश के आगर से उन्हें गिरफ्तार किया। पूर्व विधायक की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी की एक गायिका ने पूर्व विधायक, बेटे विष्णु मिश्र, नाती विकास मिश्र के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें करीब तीन साल से कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। एक सप्ताह पूर्व सुनवाई पूर्ण होने पर तीन नवंबर को सजा के फैसले की सुनवाई की तिथि तय की गई थी। शुक्रवार को सजा को लेकर कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश भारती संग सीओ, ज्ञानपुर थाने की पुलिस, क्राइम ब्रांच की टीम अलर्ट मोड में रही।

किशोरी की मौत को लेकर बवाल, दुकानों में तोड़फोड़…आगजनी

लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर में आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से आहत किशोरी की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। परिजनों ने ग्रामीणों को साथ लेकर शनिवार सुबह सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस बीच कुछ अराजकतत्वों ने आरोपी की दुकान में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद भड़की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया। कस्बे की दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई। घटना से कस्बे में तनाव के हालात बन गए हैं। पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।

बृहस्पतिवार की शाम संपूर्णानगर निवासी 17 वर्षीय किशोरी का शव घर में लटका मिला था। किशोरी आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने से आहत थी। मामले में मृतका की मां ने दूसरे समुदाय के युवक पर किशोरी का आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने, धर्म परिवर्तन व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने आदि धाराओं में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने किशोरी का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।

रात में भी जुटने लगी थी भीड़
किशोरी का शव शनिवार रात करीब 10.30 बजे घर लाया गया। इसकी सूचना पर बजरंग दल और भीम आर्मी के कार्यकर्ता हजारा थाने की तरफ से जुटने लगी। रात 11.30 बजे थाना गेट पर एसओ से वार्ता कर फरार चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की। गिरफ्तारी न होने पर शव का संस्कार न करने की बात कही। इस पर थाना प्रभारी सियाराम वर्मा, गौरीफंटा एसओ अनिल कुमार सैनी ने लोगों को समझाते हुए कहा कि मुख्य आरोपी को पकड़ा जा चुका है। अन्य की गिरफ्तारी को लेकर टीम गठित की गई है।

रातभर मामला शांत रहा। शनिवार सुबह फिर गुस्साई भीड़ ने शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। लोगों का कहना था कि एफआईआर में नामजद फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। आरोपी की दुकान और घर पर बुलडोजर चलाया जाए। दो युवक आरोपी युवक की दुकान में पीछे से तोड़फोड़ करने लगे। पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। इस पर कई लोग उन युवकों को छुड़ाने के लिए पुलिस से भिड़ गए। गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।

पुलिस बल ने थाने में घुसकर पत्थरबाजी से बचाव किया। बाद में पुलिस बल ने भीड़ पर लाठीचार्ज कर दिया। पथराव करने वाले युवकों को पुलिस ने जमकर पीटा। भीड़ ने आरोपी युवक की दुकान का माल निकालकर जला दिया। जबकि दूसरे समुदाय की जितनी दुकानें चौराहे तक थीं, सबमें तोड़फोड़ कर दी। सुबह 11:00 तक एएसपी नैपाल सिंह, एसडीएम कार्तिकेय सिंह, सीओ पलिया आदित्य कुमार, निघासन सीओ राजेश कुमार समेत कई थानों के पुलिस बल भीड़ को समझाने में लगा रहा

नशे में धुत पुलिस कांस्टेबल ने गरीब के ठेले पर किया पेशाब, वीडियो वायरल होने पर सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के कानपुर में इन दिनों लगातार कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जिन मामलो में पुलिस की साख पर सवाल खड़े किए हैं. अब ताजा मामला भी सामने आया जिसने फिर खाकी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस कर्मियों की एक शर्मनाक करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस वायरल वीडियो में नशे में धुत दो व्यक्ति में से एक व्यक्ति सड़क किनारे खड़े ठेके पर पेशाब करता नजर आ रहा है. वायरल वीडियो के साथ ये कहा गया कि पेशाब कर रहा व्यक्ति पुलिसकर्मी है और उसका एक साथी भी पुलिस कर्मी है.

वायरल वीडियो की जांच में सामने आया कि वीडियो में दिख रहे व्यक्ति डायल 112 के कांस्टेबल हैं. जिसके बाद दोनों पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया गया है और साथ ही मामले की विभागीय जांच भी शुरू हो गई है. वायरल हुआ वीडियो ग्वालटोली थाना क्षेत्र स्थित ग्रीनपार्क चौराहे के पास का है बताया जा रहा है. जहां सोमवार देर रात पीआरवी 112 में तैनात दो कांस्टेबल शराब के नशे में बिना वर्दी के घूम रहे थे. इसी दौरान एक कांस्टेबल एक दुकानदार के बंद ठेले पर पेशाब करने लगा. ठेले पर पेशाब करता देख स्थानीय दुकानदारों ने इस बात का विरोध करना शुरू कर दिया. लोगों ने कांस्टेबल की इस करतूत का वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया.जिस पर कांस्टेबल के साथी ने विरोध शुरू कर दिया और गाली गलौज शुरू कर दिया. यह मामला जैसे तैसे शांत हुआ पर लोगों ने घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

वहीं इस मामले को लेकर एडीसीपी लाखन सिंह ने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वीडियो बीते 2 नवंबर का है जो संज्ञान में आया है. इस वीडियो में देखा कि दो व्यक्तियों के साथ कई अन्य लोग भी थे. सभी आपस में गाली-गलौज करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में यह भी देखा गया कि एक व्यक्ति ठेले पर पेशाब करते हुए देखा गया. एसीपी कलक्टरगंज की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है, इनके नाम कांस्टेबल हेमंत कुमार और लोकेश राजपूत हैं. एसीपी कलक्टरगंज की रिपोर्ट के आधार पर दोनों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही विभागीय जांच भी कराई जाएगी. इसकी शुरूआती जांच प्रचलित है, जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी