यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी कानून व्यस्था अमिताभ यश ने त्रिनेत्र 2.0 तकनीक की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि हम नई टेक्नोलॉजी शुरू कर रहे हैं इस पर हम बड़े काम कर रहे हैं त्रिनेत्र 2.0, क्राइम जीपीटी,फीचर से अपराधी के बारे में या अपराध के बारे में सभी जानकारी AI के माध्यम से पता कर लेगी। यदि कोई व्यक्ति मौके पर गिरफ्तार किया गया है तो एआई तकनीक से उस व्यक्ति की जांच कर सकते हैं । इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है, किसी की फोटो अगर हम लेते हैं तो उसके बारे में तुरंत जानकारी मिलेगी इसके साथ-साथ पुलिस थानों में मालखानों में रखे सामान भी इसमें अपलोड किया जाएगा, जिससे समान की जानकारी तुरंत पता चल जाएगा।
ठगी करने वालों पर कसी जाएगी नकेल
त्रिनेत्र फोन पर एंड्रॉयड और आईओएस के साथ में वेब डैशबोर्ड के रूप में संचालित किया जाएगा। इससे क्राइम हिस्ट्री को डिजिटलाईज किया जाएगा। क्राइम हिस्ट्री, इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट, क्रिमिनल ऑडियो, फोटोग्राफ, जेल इन आउट और सीजर की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। त्रिनेत्र पुलिस फोर्स को ऐप और वेब डैशबोर्ड के माध्यम से फेशियल रिकॉग्निशन की सुविधा प्रदान देगा, जिससे ग्राउंड जीरो पर मौजूद कोई पुलिस ऑफिसर किसी संदिग्ध को उसके फोटो के माध्यम से सर्च कर सकता है।
ऑडियो सर्च से पकड़े जाएंगे जालसाज
अपराधी फोन कॉल के माध्यम से लोगों को ठगी और धमकी देकर शिकार बनाते हैं। त्रिनेत्र 2.0 पहली बार ऑडियो बेस्ड सर्च की सुविधा देगा, जिससे किसी भी क्रिमिनल का उसके आवाज के माध्यम से भी पहचान किया जा सकेगा, ये AI टेक्नोलॉजी किसी भी अपराधी को उसके रिकॉर्डेड ऑडियो से पहचानने में पुलिस की मदद करेगी, अब चाहे वो रिकॉर्ड किसी भी भाषा में हो। त्रिनेत्र 2.0 एडवांस गैंग अनालिसिस का फीचर पुलिस को देगा। इससे अपराधी और उसके गैंग की कुंडली पुलिस के पास में चंद सेकेंड में आ जाएगी। AI अपराधियों के बीच में FIR तथा फाइनल रिपोर्ट्स इत्यादि में दी गई जानकारी को पुलिस को देगा।
क्राइम जीपीटी अपराध के बारे में पुलिस को देगी जानकारी
पुलिसिंग में पहली बार AI बेस्ड ‘जनरेटिव AI’ का भी फीचर त्रिनेत्र 2.0 में दिया जा रहा है। त्रिनेत्र के ‘क्राइम जीपीटी’ नामक इस फीचर से किसी भी अपराधी के बारे में या अपराध के बारे में हर जानकारी AI से पूछी जा सकेगी। इसके बाद यह एक रिपोर्ट देगी। इसमें पुलिस की ओर से की गई सीजर डिटेल और अन्य संबंधित डॉक्यूमेंट भी ऐड किए जा सकेंगे। इसमें एक क्यूआर कोड को स्कैन कर सीजर और मालखाना में रखे गए सामान की जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। इसका एक्सेस इंस्पेक्टर और उसके ऊपर के अधिकारी के पास रहेगा।