उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय सेना के ‘अग्निपथ’ योजना से जुड़कर सेवा पूरी कर चुके पूर्व अग्निवीरों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में आयोजित कैबिनेट बैठक में यूपी पुलिस और पीएसी की भर्ती प्रक्रिया में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस निर्णय के तहत उन्हें अधिकतम आयु सीमा में भी विशेष छूट दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने दी जानकारी
कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक के बाद प्रेस को बताया कि यह फैसला राज्य में सुरक्षा बलों की संरचना को और अधिक मजबूत करेगा, साथ ही देश सेवा कर चुके युवाओं को सम्मानपूर्वक दूसरा करियर प्रदान करेगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2022 में अग्निपथ योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत युवाओं को चार वर्ष के लिए थलसेना, जलसेना और वायुसेना में ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती किया जाता है।
इन चार वर्षों में छह माह का प्रशिक्षण शामिल होता है, जिसके बाद सेवा की गुणवत्ता के आधार पर 25% अग्निवीरों को स्थाई किया जाता है। शेष 75% युवाओं को अन्य क्षेत्रों में करियर बनाने के अवसर मिलते हैं।
सरकार ने दिया था संदेश
यूपी सरकार ने पहले ही यह संकेत दिया था कि अग्निवीरों को राज्य की सुरक्षा सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। अब इस कैबिनेट निर्णय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया वह वचन साकार हो गया है। यह कदम न केवल पूर्व सैनिकों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि युवाओं के लिए सैन्य सेवा को और अधिक आकर्षक विकल्प बनाएगा।