सोमवार का दिन उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में कुछ अलग ही था। माहौल भावुक भी था और गर्व से भरा भी। वजह थी रिटायर्ड आईपीएस प्रशांत कुमार की विदाई, जिन्होंने दशकों तक सेवा देकर पुलिस विभाग में अपने कार्य, नेतृत्व और निष्ठा की गहरी छाप छोड़ी।
डीजीपी ने की समारोह की अगुवाई
31 मई को सेवानिवृत्त हुए प्रशांत कुमार के सम्मान में सोमवार को आयोजित इस समारोह की अगुवाई वर्तमान पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने की। उन्होंने न सिर्फ पुर्व डीजीपी को एक स्मृति चिह्न सौंपा, बल्कि पूरे पुलिस बल की ओर से उनके योगदान के लिए आभार भी प्रकट किया। साथ ही उनके आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाओं का संदेश दिया गया। इस मौके पर मंच पर कई अनुभवी चेहरे भी मौजूद रहे।
एसएन साबत, जो अब यूपीएसएसएससी के चेयरमैन हैं, और बृज भूषण, जो राज्य मानवाधिकार आयोग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, दोनों ने ही प्रशांत कुमार के साथ बिताए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि प्रशांत कुमार सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि नेतृत्व का ऐसा उदाहरण हैं जो हर पीढ़ी को कुछ सिखा सकते हैं।
पुर्व डीजीपी ने किया संबोधित
अपने संबोधन में प्रशांत कुमार ने भी दिल से बोलते हुए कहा कि यह यात्रा अकेले संभव नहीं थी। उन्होंने अपने माता-पिता, परिवार और सहयोगी अधिकारियों का विशेष रूप से धन्यवाद दिया। उनका कहना था कि इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी को निभाना आसान नहीं होता, लेकिन पुलिस बल के समर्थन और टीम भावना के चलते वे इस सफर को सफलतापूर्वक पूरा कर सके। उनके शब्दों में गर्व और कृतज्ञता दोनों झलक रहे थे।
वर्तमान डीजीपी ने कहा ये
समारोह के अंतिम चरण में डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा, “इतने विशाल और विविधता से भरे बल का संचालन करने के लिए जिस समझदारी, संतुलन और संवेदनशीलता की ज़रूरत होती है, वो प्रशांत कुमार जी ने बखूबी निभाई।” उन्होंने विश्वास जताया कि उनका काम आने वाले अफसरों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह रहेगा।