अमूमन हमारे समाज में पुलिस को दबंगई और दूसरी तरह से पेश किया जाता है लेकिन जब गुरुवार को लोगों ने खाकी का यह मानवीय चेहरा देखा तो सभी की आंखें नम हो गई और सभी ने पुलिस वालों को सैल्यूट किया. लोगों ने उनके काम की तारीफ की. दरअसल ! उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मानवता को शर्मसार करने वाला एक ऐसा ही मामला सामने आया. जहां नवरात्रि के दौरान एक बेटा अपनी मां की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार से शव को लावारिस अवस्था में अस्पताल में ही छोड़कर भाग गया. इसकी जानकारी जब पुलिस को मिली तो खाकी ने ही बेटे का फर्ज अदा किया और पूरे रीति रिवाज के साथ बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार किया.
भर्ती कराकर भाग गया बेटा
दरअसल, यह पूरा मामला राजधानी लखनऊ के आशियाना का है, जहां पर लोकबंधु अस्पताल में 14 अक्टूबर को 65 वर्षीय मीनू देवी को उनका बेटा राजेश साहू भर्ती करने के लिए आया था. वह अपनी मां को वहां पर भर्ती कराकर भाग गया बेटा. 15 अक्टूबर को जब मीनू देवी की मौत हो गई तो बेटा राजेश देखने नहीं आया. अस्पताल के चिकित्सकों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक मोर्चरी हाउस में महिला का शव रख दिया और इसकी जानकारी कृष्णा नगर पुलिस को दी.
इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने निभाया बेटे का फर्ज
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के कृष्णा नगर थाने में तैनात इंस्पेक्टर विक्रम सिंह को जानकारी मिलते ही थाने के साथियों के साथ वहां पहुंचे और महिला का शव लेकर अंतिम संस्कार तक एक बेटे का फर्ज अदा किया. पूरे रीति-रिवाज से उन्होंने बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार किया. बातचीत में इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि बेटे की तलाश जारी है. उस पर सख्त कार्रवाई ऐसा करने के लिए की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महिला का अंतिम संस्कार कृष्णा नगर थाने के सभी पुलिस वालों ने मिलकर किया है.