गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ की अगुवाई में कमिश्नरेट पुलिस ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 16 अप्रैल को कार्यभार संभालने के बाद से नए पुलिस आयुक्त ने दोहरी रणनीति के तहत काम शुरू किया है—एक ओर जनता से मधुर व्यवहार और दूसरी ओर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई।
30 बदमाश गिरफ्तार
29 अप्रैल से शुरू हुई मुठभेड़ों की श्रृंखला शनिवार देर रात तक 19 तक पहुंच चुकी है। इस दौरान 30 से अधिक बदमाश गिरफ्तार किए जा चुके हैं। विजयनगर, नंदग्राम और इंदिरापुरम जैसे संवेदनशील थाना क्षेत्रों में पुलिस की कार्रवाई सबसे ज्यादा देखने को मिली है।
कमिश्नर ने थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आदतन अपराधियों पर कोई नरमी न बरती जाए। नतीजा यह है कि बीते 20 दिनों में एक के बाद एक बदमाशों से मुठभेड़ हुई। क्रॉसिंग रिपब्लिक, मुरादनगर, वेव सिटी जैसे इलाकों में कई बदमाशों को पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया है।
जनता की सुविधा पर दिया जा रहा ध्यान
सिर्फ मुठभेड़ नहीं, जनता की सुविधा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं को एफआईआर की प्रति उनके पते पर भिजवाई जा रही है। बीट पुलिसिंग को प्रभावी बनाने के लिए नए सिरे से जिम्मेदारियां तय की गई हैं। थानों में आने वाले नागरिकों, खासकर बच्चों के लिए टॉफी-चॉकलेट और पीने के पानी व बैठने की सुविधाओं का भी इंतजाम किया गया है।
पुलिस आयुक्त का कहना है कि गाजियाबाद में पुलिसिंग की प्राथमिकता ‘जनता को सुरक्षा और सम्मान’ और ‘अपराधियों को सजा’ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आमजन से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मी भी बख्शे नहीं जाएंगे। आने वाले दिनों में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज होगी।