दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन में पुलिस और किसानों के बीच तनातनी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, बीती शाम किसान संगठनों के दिल्ली कूच के आह्वान को लेकर हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर-ट्राली और हथियारों से लैस होकर पंजाब से लगते शम्भू बॉर्डर (अम्बाला) और दाता सिंह बॉर्डर (खनौरी-जींद) में धारा-144 लागू होने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की। इस कोशिश में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए।
पुलिसकर्मियों को आईं गंभीर चोटें
जानकारी के मुताबिक, बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कमर कस रखी है। ऐसे में जब आंदोलनकारियों ने दिल्ली में घुसने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भारी पथराव भी किया। इसके बावजूद पुलिस द्वारा धैर्य और संयम का परिचय देते हुए वाटर कैनन, अश्रु गैस तथा हल्के बल का इस्तेमाल कर कानून व्यवस्था बनाए रखी गई। आंदोलनकारियों द्वारा किए गए पथराव के दौरान 24 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं। इन पुलिसकर्मियों में 15 (डीएसपी और अन्य रैंक) शम्भू बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान घायल हुए जबकि 9 पुलिसकर्मी दाता सिंह बॉर्डर जींद में घायल हुए। इन पुलिसकर्मियों का नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपचार किया जा रहा है।
भारी तादाद में पुलिस तैनात
इस बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर इलाके में हर गतिविधि पर पुलिस ड्रोन से नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही अब हरियाणा-पंजाब से प्रदर्शनकारियों का दिल्ली मार्च के तहत आगे बढ़ने की रुख को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। सभी बॉर्डरों पर भारी तादाद में पुलिस के जवानों को मुस्तैद किया गया है।