कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में रविवार को आयोजित ‘ऑपरेशन सिंदूर कप’ क्रिकेट मैच में एक अप्रत्याशित दृश्य सामने आया, जब भाजपा के एमएलसी अरुण पाठक और आईपीएस अधिकारी अंजलि विश्वकर्मा के बीच तीखी बहस हो गई। ये मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। लोग आईपीएस अंजलि की काफी सराहना कर रह हैं।
कौन हैं आईपीएस अंजलि
जानकारी के मुताबिक, अंजलि विश्वकर्मा कोई साधारण अफसर नहीं हैं। देहरादून में जन्मी अंजलि ने IIT कानपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर विदेशों में लाखों के पैकेज वाली जॉब को अलविदा कहकर भारत लौट आईं।
न्यूजीलैंड में रहकर हर महीने चार लाख रुपये कमा रहीं अंजलि ने अपने देश के लिए कुछ करने का सपना देखा और UPSC की राह पकड़ ली। कड़ी मेहनत और दूसरे प्रयास में सफलता के बाद वह 2021 बैच की आईपीएस बनीं।
इस मामले के बाद आईं सुर्खियों में
फिलहाल कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में एडीसीपी के रूप में तैनात अंजलि ने बीते रविवार को एक सख्त निर्णय लिया, जब एमएलसी अरुण पाठक अपने गनर को स्टेडियम के भीतर ले जाना चाह रहे थे।
IPS अंजलि ने सुरक्षा मानकों का हवाला देते हुए गनर की एंट्री पर रोक लगा दी। इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई, जो कैमरे में कैद होकर वायरल हो गई। लेकिन अंजलि ने अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हटने के बजाय स्पष्ट और निडर होकर कानून का पालन करवाया।
दो पहलुओं पर हो रही चर्चा
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अंजलि सोशल मीडिया पर दो भागों में चर्चा में हैं एक तरफ जहां लोग उनकी प्रोफेशनलिज्म और दृढ़ता की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग मामले को राजनीतिक रंग दे रहे हैं। लेकिन यह साफ है कि अंजलि जैसे अधिकारी आज भी कानून को सर्वोपरि मानते हैं, चाहे सामने कोई भी हो।