प्रयागराज के करछना तहसील के इसौटा गांव में दलित परिवार से मिलने जा रहे चंद्रशेखर आज़ाद को पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद उपजे बवाल ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस बल पर पथराव कर दिया, सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की, जिसमें पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हुए। अब पुलिस ने मामले में सख्त रुख अपना लिया है और हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने किया बाईकों को जब्त
घटना के बाद मौके पर लावारिस हालत में 42 मोटरसाइकिलें मिलीं, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है। इन बाइकों के नंबरों के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। बाइक मालिकों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। माना जा रहा है कि हंगामे के दौरान पुलिस की कार्रवाई से घबराकर उपद्रवी अपनी गाड़ियाँ छोड़कर मौके से फरार हो गए थे।
पुलिस ने अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है और वीडियो फुटेज, फोटो और सोशल मीडिया रिकॉर्ड की मदद से अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस की माने तो यह हिंसा पूर्व नियोजित थी, और अब हर एक उपद्रवी को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर धाराओं में केस दर्ज किया जा रहा है।
हालांकि, आज़ाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने दावा किया है कि उपद्रव करने वाले लोग उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे। उन्होंने इसे किसी बड़ी साजिश का हिस्सा बताया और कहा कि उनके समर्थक तो शांतिपूर्वक सर्किट हाउस में ही मौजूद थे।
डीसीपी ने दी जानकारी
लेकिन पुलिस प्रशासन अब किसी भी बहाने को मानने के मूड में नहीं है। डीसीपी विवेक चंद्र यादव के मुताबिक, “भीड़ ने कानून हाथ में लिया है और अब उनके खिलाफ एनएसए की कार्रवाई निश्चित है। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”