आमतौर पर अफसरों की छवि लाल बत्ती, हूटर और सरकारी काफिलों से जुड़ी होती है, लेकिन शुक्रवार की शाम शहर में एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा के साथ बिना किसी सरकारी तामझाम के गोपनीय रूप से शहर का भ्रमण किया।
अफसरों को दिए थे निर्देश
जानकारी के मुताबिक , इस निरीक्षण की खास बात यह रही कि वे खुद ई-रिक्शा पर सवार होकर वाराणसी की सड़कों और गलियों में निकले, और करीब एक घंटे से ज्यादा आम जनता के बीच समय बिताया।
इस निरीक्षण का उद्देश्य शहर की यातायात व्यवस्था और अतिक्रमण की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करना था। अफसरों ने इस भ्रमण की जानकारी न तो किसी थानेदार को दी और न ही किसी डीसीपी को। यहां तक कि बंगले के स्टाफ को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि भ्रमण की जानकारी लीक नहीं होनी चाहिए।
लोगों से की बातचीत
पुलिस कमिश्नर के निरीक्षण के बाद जब थानेदारों और डीसीपी को इसकी जानकारी हुई, तब तक वे शहर के कई क्षेत्रों में घूम चुके थे। इस दौरान उन्होंने अतिक्रमण कर सड़क को बाधित कर रहे 50 से अधिक दुकानदारों और ठेले-खोमचों की पहचान कराई और उनके खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए। साथ ही, अतिक्रमण वाले 10 चिन्हित स्थलों पर तैनात बीट आरक्षियों के विरुद्ध भी कार्रवाई के आदेश दिए गए।
पुलिस कमिश्नर का यह तरीका न केवल प्रशासन की सक्रियता का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि अब शहर की समस्याओं को कागजों पर नहीं, जमीन पर जाकर हल किया जाएगा। इस पहल की आम जनता में खूब सराहना हो रही है।