उत्तर प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण के निर्देश पर इटावा जनपद में हालिया जातीय तनाव के संदर्भ में नई कार्यवाही की गई है। घटना 21 जून को दंडरपुर गांव में ‘कथा वाचक’ मुकेत मणि यादव और संत सिंह यादव के साथ ‘जाति छुपाने’ के दोष में बलपूर्वक सिर मुंडवाए जाने से शुरू हुई। अफवाहें फैलने पर प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें हाईवे पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की घटनाएं घटीं। डीजीपी ने इस पूरे मामले की निगरानी के लिए कानपुर रेंज के डीआईजी हरिश्चंद्र को विशेष कार्रवाई के निर्देश दिए।
डीआईजी ने दिया संदेश
डीआईजी ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस की कोताही और प्रदर्शन की गंभीरता देखते हुए कानूनन कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की है। जिसमें हाईवे जाम, पत्थरबाजी एवं सार्वजनिक संपत्ति की क्षति के आरोपियों की संपत्ति की नीलामी और उससे प्राप्त राशि से क्षतिपूर्ति वसूली का निर्णय शामिल है। यह कदम राज्य सरकार की डर और पक्षपात रहित नीति को परिलक्षित करता है।
इसके अतिरिक्त, पुलिस ने इस बात पर जोर दिया है कि हिंसा चाहे कथावाचकों पर हमला, हाईवे अवरोध, पत्थरबाजी हो को अपराध के तहत वर्गीकृत किया जाएगा, न कि केवल जातीय आधार पर। उत्तर प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जैवीर सिंह ने स्पष्ट किया है कि कार्रवाई जाति की गिरोहबंदी पर नहीं, बल्कि अपराध की गंभीरता पर आधारित होगी।
लोगों में जाएगा कड़ा संदेश
ये कार्रवाई राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की न्यायपरक नीति की झलक है। इससे न केवल प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा बल्कि अन्य जातीय तनाव फैलाने वालों के लिए कड़ा संदेश भी जाएगा कि कानून-व्यवस्था के उल्लंघन पर अब उसकी संपत्ति नीलाम कर हर्जाना वसूला जाएगा।