उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के ‘क्राइम फ्री स्टेट’ के मिशन को एक और बड़ी सफलता मिली है। गोंडा, बहराइच और लखनऊ जैसे जिलों में आतंक का पर्याय बना अपराधी ज्ञानचंद पासी आखिरकार पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया।
बुधवार को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने बाराबंकी के रामनगर क्षेत्र में ज्ञानचंद पासी को मुठभेड़ में मार गिराया। उस पर हत्या, डकैती, लूट और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के 70 से अधिक मामले दर्ज थे। यूपी पुलिस ने इस कुख्यात अपराधी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
दो साथी भागने में सफल रहे
मुठभेड़ करीब 25 मिनट तक चली और जंगल में गोलियों की आवाजें गूंजती रहीं। एसटीएफ की 12 सदस्यीय टीम ने चौकाघाट के उत्तर स्थित जंगल को चारों ओर से घेर लिया था। दोनों तरफ से जमकर फायरिंग हुई। आंकड़ों के अनुसार 100 से ज्यादा गोलियां चलीं।
इस दौरान ज्ञानचंद के दो साथी भागने में सफल रहे, लेकिन ज्ञानचंद पुलिस की गोलियों का शिकार बन गया। उसे छाती, कनपटी और पैर में गोलियां लगीं और मौके पर ही वह गिर पड़ा। जिला अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मुठभेड़ स्थल से पुलिस को हथियारों का जखीरा मिला — 32 बोर की पिस्टल, एक राइफल, 315 बोर का तमंचा, 12 बोर की बंदूक और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं।
इंस्पेक्टर ने दी जानकारी
एसटीएफ के इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह के अनुसार, ज्ञानचंद पासी का नाम लंबे समय से अपराध की दुनिया में था और वह कई जिलों में वांछित था। कुछ दिन पहले ही उसका साथी सोनू पासी भी गोंडा पुलिस की कार्रवाई में ढेर किया गया था। योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार अपराधियों को खत्म करने की नीति पर काम कर रही है, और यह मुठभेड़ उसी सख्त कानून व्यवस्था का एक और उदाहरण है।