महाकुंभ 2025 में करोड़ों लोगों के आगमन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के जवानों ने अपनी सेवा भावना और ईमानदारी की मिसाल पेश की। महाकुंभ के दौरान यूपी पुलिस के जवानों ने न सिर्फ 15 देशों और 20 राज्यों से आए बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवारों से मिलाया गया, बल्कि लाखों की नकदी, महंगे आईफोन और गहने लौटाकर यूपी पुलिस ने अपनी ईमानदारी का परिचय दिया। महाकुंभ में पुलिस द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा भारत ही नहीं, बल्कि रूस, अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों तक पहुंच गई।
कई मामले आए सामने
जानकारी देते हुए पीएसी पूर्वी जोन के प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि, हमारे जवानों ने अपनी ड्यूटी से बढ़कर काम किया. अपनों से बिछड़े श्रद्धालुओं को मिलाने से लेकर, खोए हुए सामान को लौटाने और बीमारों को अस्पताल पहुंचाने तक, हर संभव मदद की। यूपी पुलिस ने न केवल खोए हुए सामान लौटाए, बल्कि बीमार श्रद्धालुओं की मदद भी की।
जैसे कि जयपुर से आए पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत का पर्स जिसमें दो आईफोन, 69 हजार रुपये नकद और कीमती गहने थे, 42वीं वाहिनी पीएसी के जवान अरविंद कुमार सिंह ने खोजकर उन्हें सौंप दिया। इसी तरह, रूस से आई श्रद्धालु रीता अपने समूह से बिछड़ गई थीं, जिन्हें 33वीं वाहिनी पीएसी के आरक्षी अमरदीप ने सुरक्षित उनके साथियों तक पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ की राजकुमारी यादव की अचानक तबीयत बिगड़ने पर 15वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। बेंगलुरु से आई श्रद्धालु शोभा को चोट लग गई थी, जिसे प्राथमिक उपचार दिलाने में पुलिस ने तत्परता दिखाई। जर्मनी से आए श्रद्धालु नवाबगंज जाने के दौरान रास्ता भटक गए थे, जिन्हें 28वीं वाहिनी पीएसी के आरक्षी राजू सिंह ने सही जगह पहुंचाया।
योगी सरकार की कार्यकुशलता की सराहना
महाकुंभ में यूपी पुलिस के सेवा भाव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक कार्यकुशलता को मजबूती दी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस की सतर्कता ने महाकुंभ के माहौल को सुरक्षित और अनुशासित बनाए रखा। आने वाले दिनों में भी पुलिस अपनी जिम्मेदारी इसी समर्पण के साथ निभाती रहेगी।