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जानें DGP प्रशांत कुमार के पास है किस-किस अन्य विभाग की जिम्मेदारी ?

उत्तर प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी अब नए कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को दी गई है। वो एक ऐसे अफसर हैं, जिन्होंने अपने कंधे पर आई सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाई है। फिर चाहे बात हो कानून व्यवस्था संभालने की, या फिर लोगों की परेशानियों को दूर करने की। उन्होंने योगी सरकार के कार्यकाल के हर अच्छे कदम को सफल बनाने की कोशिश की है। अब जब उन्हें यूपी का कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया है तो इसके साथ-साथ उनके ऊपर डीजी EOW का भी चार्ज रहेगा। इसके साथ ही वर्तमान समय में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी भी उन्हीं के ऊपर रहेगी।

इन अफसरों को हरा कर बनें डीजीपी

जानकारी के मुताबिक, आज सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने नई जिम्मेदारी को संभाल लिया है। सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद उन्होंने अपना पदभार संभाल लिया है। डीजीपी की इस रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम चल रहा था। इसमें से डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बाजी मारी है।

इन्हीं के नेतृत्व में होगा लोकसभा चुनाव

IPS प्रशांत कुमार जिस तरह से अपराधियों और अपराध के खिलाफ काम करते हैं, उसी वजह से उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। आगामी समय में लोकसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में अब कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराया जाएगा। सीएम योगी ने प्रशांत कुमार को प्रमोशन देकर उन पर अपने भरोसे को मजबूत होना दिखाया है।

UP POLICE मुख्यालय पहुंचे IPS प्रशांत कुमार ने संभाला DGP का कार्यभार

सभी का इंतजार खत्म हुआ और आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सीएम योगी से मुलाकात करने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार ने अपने नए कार्यभार को संभाल लिया है। कार्यवाहक डीजीपी की रेस में डीजी सीबीसीआईडी आनंद कुमार, डीजी कारागार एसएन साबत, डीजी भर्ती बोर्ड रेणुका मिश्रा और डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का नाम चल रहा था। इसमें से डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बाजी मारी है।

सीएम योगी के हैं चहेते

जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग को पूर्णकालिक डीजीपी के चयन का प्रस्ताव अब तक नहीं भेजा है। इसकी वजह से एक बार फिर कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। सरकार अपने पसंदीदा अफसर को कार्यवाहक डीजीपी बनाया है। आईपीएस प्रशांत कुमार को सीएम योगी का चहेता माना जाता है। यही वजह है कि कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जबकि वरिष्ठता की सूची में वो 19 वें नंबर पर थे।

 

संभाल लिया कार्यभार

इसके साथ ही IPS प्रशांत कुमार जिस तरह से अपराधियों और अपराध के खिलाफ काम करते हैं, उसी वजह से उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। आगामी समय में लोकसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में अब कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को संपन्न कराया जाएगा। सीएम योगी ने प्रशांत कुमार को प्रमोशन देकर उन पर अपने भरोसे को मजबूत होना दिखाया है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस हेड क्वार्टर पहुंचकर कार्यभार संभाल लिया है।

कार्यवाहक DGP बनने के बाद CM योगी से मिलने पहुंचे IPS Prashant Kumar

आज यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार के रिटायरमेंट का दिन है, इसलिए विभाग को अपना नया मुखिया भी आज ही मिल गया। दरअसल, आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस का नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। इस मुलाकात में कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने सीएम को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही सीएम ने भी उन्हें बधाई दी।

सीएम ने दी बधाई

जानकारी के मुताबिक, यूपी पुलिस के कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी मिलने के बाद आईपीएस प्रशांत कुमार आज ही पांच कालिदास मार्ग मुख्यमंत्री आवास पर सीएम योगी से मिलने पहुंचे। ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी। इस दौरान प्रशांत कुमार ने सीएम को उनपर भरोसा दिखाने के लिए शुक्रिया कहा इसके साथ ही
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आईपीएस अफसर को शुभकामनाएं और बधाई दीं।

सरकार ने दिखाया भरोसा

आपको बता दें कि प्रशांत कुमार सीएम योगी के विश्वासपात्र अफसरों में है। यही वजह है कि एक बार फिर सरकार ने उनपर भरोसा दिखाया है। इससे पहले भी उन्हें सरकार ने यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी सौंपी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया था। इसे के चलते अब यूपी पुलिस की कमान स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार को सौंपी गई है। वो विभाग के चौथे कार्यवाहक डीजीपी बन गए हैं। भले ही डीजीपी बनने की रेस में उनसे कई सीनियर अफसर शामिल थे, लेकिन ये जिम्मदारी उन्हें सौंपी गई है।

कौन हैं आईपीएस प्रशांत कुमार

स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार 1990 बैच के अधिकारी हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। आईपीएस अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने एमएससी, एमफिल और एमबीए भी किया था। वर्तमान समय में एडीजी प्रशांत कुमार प्रदेश कानून व्यवस्था की कमान संभाल रहे हैं। आईपीएस प्रशांत कुमार को कई बार राष्ट्रपति पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जा चुका है। प्रदेश के कई जिलों और जोन की कमान संभाल चुके प्रशांत कुमार ने अपराध पर नकेल कसने में काफी सफलता हासिल की है।

जानें कौन हैं IPS रवीना त्यागी, जिन्हें Lucknow पुलिस कमिश्नरेट में मिला DCP का पद

इस साल की शुरुआत में ही आईपीएस अफसरों के कार्यक्षेत्र में बदलाव का सिलसिला जारी हो गया था। इसकी एक वजह है कि कुछ ही समय में चुनाव होने को हैं, ऐसे में प्रशासन हर वो पुख्ता कदम उठा रहा है, जिसकी वजह से चुनाव सकुशल संपन्न होंगे। इसी क्रम में बीती शाम भी तबादला हुआ। इस तबादला लिस्ट में आईपीएस रवीना त्यागी का नाम शामिल है। IPS रवीना त्यागी 2014 कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में बेहद कामयाब अफसर रहीं थीं। लोगों को उनका काम काफी ज्यादा पसंद था। अब उन्हें एक बार फिर से फील्ड पर भेजा गया है।

लोगों को पसंद है उनकी कार्यशैली

जानकारी के मुताबिक, रवीना त्यागी 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई महर्षि विद्या मंदिर भोपाल से की। 12वीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं दी। इसके बाद जेपी इंस्टीटयूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी नोएडा से बीटेक बायोटेक्नोलॉजी से किया है। इसके बाद उन्होंने सिविल की तैयारी की। कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने सफलता हासिल की। 2014 में उनकी सिविल सर्विसेज में 170वीं रैंक थी।

उनकी पहली पोस्टिंग एएसपी के पद पर मुरादाबाद में हुई थी। मुरादाबाद में मनचलों ने स्कूल और कॉलेजों के बाहर जमावड़ा लगाना बंद कर दिया था। इसके बाद आईपीएस रवीना त्यागी जब 2018 में कानपुर साउथ की एसपी बनी थीं। उस समय उन्होंने स्कूल, कॉलेजों के बाहर एक पेटी लगवाई थी, जिसमें छात्राएं और महिलाएं अपनी समस्याओं को लिखकर उस पेटी में डाल सकती थीं। उनके इसी काम की वजह से लोगों को उनकी कार्यशैली काफी पसंद आई थी।

अब फिर मिली बड़ी जिम्मेदारी

कानपुर जिले में तैनाती के बाद कुछ समय पहले आईपीएस रवीना त्यागी को पुलिस अधीक्षक महिला और बाल सुरक्षा संगठन के पद पर नई जिम्मेदारी दी गई थी। कानपुर से उनके तबादले की खबर आने के बाद हास्य कलाकार अन्नू अवस्थी ट्रैफिक नियमों को तोड़ते हुए कानपुर पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने सीपी आरके स्वर्णकार से आईपीएस रवीना त्यागी के ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की है।

अब एक बार फिर से रवीना त्यागी को फील्ड पर उतारा गया है। उन्हें अब लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का डीसीपी बनाया गया है। ऐसे में एक बार फिर से चुनाव आने से पहले प्रशासन ने उन पर भरोसा दिलाया है।

UP DGP विजय कुमार के कार्यकाल का अंतिम दिन आज, कल लेंगे फेयरवेल

यूपी के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का आखिरी दिन है। कल उनका रिटायरमेंट है। उनके रिटायरमेंट की वजह से एक बार फिर से लोग ये कयास लगाने लगे हैं, कि आखिर अब यूपी पुलिस की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी। हालांकि एक खबर ये भी है कि हो सकता है कि आगामी चुनावों को देखते हुए उनके कार्यकाल का समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अभी इस तरह की कोई खबर सामने नहीं आ रही है। ऐसे में हर कोई नए डीजीपी के नाम का इंतजार कर रहा है।

डीजीपी विजय कुमार हैं 1988 बैच के अधिकारी

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।विजय कुमार की गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। 31 मई 2023 को उन्हें डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। उस समय वह डीजी सीबीसीआईडी के पद पर तैनात थे। 7 नवंबर 2023 को उन्हें डीजी सीबीसीआईडी के पद से हटाकर निदेशक विजिलेंस के पद पर नियुक्त किया गया।

उन्होंने अपने कार्यवाहक डीजीपी के पद की जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया है। उनके कार्यकाल की सबसे बड़ी सफलता राम मंदिर का उद्घाटन है। हाल ही में राम मंदिर के उद्घाटन के लिए भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें देशभर से हजारों वीवीआईपी लोग अयोध्या पहुंचे। सभी की सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपी पुलिस ने बखूबी निभाई। इसके साथ ही वर्तमान समय में जब एक साथ लाखों लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं, तब भी वहां सुरक्षा व्यवस्था बनी हुई है।

अनुभव की वजह से मिली थी जिम्मेदारी

अगर इनके कार्यकाल की बात करें तो आईपीएस विजय कुमार एसएसपी पीलीभीत, बांदा, मुजफ्फरनगर, गोरखपुर व लखनऊ के अलावा डीआईजी रेंज इलाहाबाद, मेरठ व आजमगढ़ के पद पर भी तैनात रहे हैं। आईजी जोन आगरा, कानपुर व गोरखपुर के तौर पर भी उन्हें फील्ड का अच्छा अनुभव है। वह एडीजी सुरक्षा, यातायात व पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके इसी अनुभव के चलते उन्हें यूपी पुलिस की कमान सौंपी गई थी।