लखनऊ के सरोजिनी नगर इलाके में एक 19 वर्षीय छात्र की ज़िंदगी उस वक्त बच गई, जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा (इंस्टाग्राम) से मिले आत्महत्या के संकेतों पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने तेज़ और सटीक कार्रवाई की। छात्र ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की थी, जिसमें उसने ट्रेन के सामने कूदकर जान देने की बात लिखी थी।पोस्ट सामने आते ही मेटा की ओर से अलर्ट जारी किया गया, जिसे यूपी पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लेते हुए तुरंत लखनऊ पुलिस को सूचना दी।
तत्काल पहुंची छात्र के घर
जानकारी के मुताबिक, खबर मिलते ही सरोजिनी नगर थाने की टीम बिना समय गंवाए छात्र के घर पहुंची, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं था। स्थिति की नज़ाकत को समझते हुए पुलिस ने तुरंत नज़दीकी रेलवे ट्रैक पर खोज अभियान शुरू किया और कुछ ही समय में छात्र को सुरक्षित ढूंढ निकाला।
छात्र को समझा-बुझाकर पुलिस ने घर पहुंचाया और फिर उसकी काउंसलिंग भी करवाई ताकि भविष्य में वह ऐसी सोच से दूर रहे। पूछताछ के दौरान छात्र ने बताया कि वह पढ़ाई के लिए नया मोबाइल फोन और बाइक चाहता था, लेकिन परिवार की असमर्थता के कारण निराश हो गया था।
यह घटना न केवल सोशल मीडिया निगरानी व्यवस्था की उपयोगिता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यूपी पुलिस अब केवल कानून-व्यवस्था संभालने तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और नागरिकों की भावनात्मक सुरक्षा को भी उतना ही महत्व देती है।
लगातार जानें बचा रही यूपी पुलिस
गौरतलब है कि 1 जनवरी 2023 से 31 मई 2025 के बीच मेटा अलर्ट की मदद से उत्तर प्रदेश पुलिस ने 968 लोगों की ज़िंदगियां बचाई हैं, जो उनकी सक्रियता और जनसेवा के प्रति ईमानदार निष्ठा का प्रमाण है।