भारत द्वारा पाकिस्तान में संचालित किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज जहां सीमाओं पर सुनाई दी, वहीं सोशल मीडिया पर भी इसकी व्यापक चर्चा देखने को मिली। परंतु कुछ असामाजिक तत्वों ने इस सैन्य कार्रवाई को लेकर गुमराह करने वाली सामग्री फैलानी शुरू कर दी, जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने सख्ती बरती है।
25 लोग हिरासत में
राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि 37 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। यह जानकारी पुलिस विभाग की ओर से मंगलवार को जारी की गई।
इन मामलों में बुलंदशहर, कानपुर, बलरामपुर, कुशीनगर, संत कबीरनगर और संभल जैसे जिलों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। आरोप है कि ये व्यक्ति ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठे वीडियो, फोटो और भ्रामक सूचनाएं प्रसारित कर रहे थे, जिससे आम लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों पर निगरानी रखने के लिए विशेष टीम गठित की है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर नजर रख रही है। यह टीम ऐसे कंटेंट की पहचान कर रही है जो राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था, सेना की गरिमा या सामाजिक शांति को प्रभावित कर सकते हैं।
डीजीपी ने दी जानकारी
डीजीपी प्रशांत कुमार ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अप्रमाणित जानकारी को न फैलाएं और न शेयर करें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जनसुरक्षा प्रभावित हो सकती है और अफवाहों के कारण बेवजह तनाव का माहौल बन सकता है।
डीजीपी ने यह भी बताया कि राज्य पुलिस ने बहुत समय पहले ही @UPPViralCheck नाम से एक आधिकारिक फैक्ट चेक सेवा शुरू की थी, जहां नागरिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रही किसी भी सूचना की सत्यता की जांच कर सकते हैं।
पुलिस का कहना है कि इस तरह की फर्जी सूचनाएं सिर्फ भ्रम नहीं फैलातीं, बल्कि सेना के मनोबल को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।