जिले में अपराध पर लगाम कसने के लिए अब महिला पुलिसकर्मियों की भी विशेष भूमिका तय की जा रही है। पहली बार यहां एक महिला स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की स्थापना की जा रही है, जो खास आपराधिक मामलों में काम करेगी। अब तक एसओजी टीमों में केवल पुरुष पुलिसकर्मी ही शामिल होते थे, लेकिन एसएसपी अनुराग आर्य की पहल पर यह परंपरा टूट रही है।
एसपी साउथ देंगी ट्रेनिंग
नई महिला एसओजी के लिए 25 महिला कांस्टेबलों ने हिस्सा लेने की इच्छा जताई थी, जिनमें से दक्षता के आधार पर पांच महिलाओं का चयन किया गया है। इन कांस्टेबलों को पुलिस लाइंस में गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें हथियार संचालन, आत्मरक्षा, मार्शल आर्ट, दबिश देना और अपराधियों से मुकाबले जैसी चीजें शामिल हैं। इसके अलावा, इन्हें लगातार फील्ड टास्क भी दिए जा रहे हैं ताकि वह व्यावहारिक रूप से एसओजी की जिम्मेदारियों को समझ सकें।
इस विशेष महिला इकाई की जिम्मेदारी एसपी साउथ अंशिका वर्मा के अधीन है, जो इसके प्रशिक्षण की निगरानी के साथ-साथ नोडल अधिकारी भी हैं। टीम सीधे उन्हें रिपोर्ट करेगी। इस टीम के लिए एक महिला सब-इंस्पेक्टर को प्रभारी बनाने की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
एसएसपी ने दी जानकारी
एसएसपी अनुराग आर्य के अनुसार, यह टीम उन अपराधों पर विशेष रूप से काम करेगी जहां महिलाओं की संलिप्तता पाई जाती है – जैसे मादक पदार्थों की तस्करी और गोवध। पिछले दिनों बारादरी क्षेत्र में गोवध गिरोह में महिलाओं की भागीदारी सामने आई थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ऐसे मामलों में महिला एसओजी की जरूरत थी।
जल्द ही जिले में महिला पुलिसकर्मी भी स्पेशल ऑपरेशन, सर्विलांस एनालिसिस और क्राइम वर्कआउट में विशेषज्ञ बनेंगी। यह पहल ना सिर्फ महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम है, बल्कि अपराधियों पर कड़ी निगरानी के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।