अब पुलिस अपराधियों की विदेशों में अर्जित संपत्तियों पर भी कानूनी कार्रवाई कर सकेगी। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 की धारा 86 के तहत, एसपी, एसएसपी और पुलिस आयुक्त अपराधियों की संपत्ति की पहचान, कुर्की और जब्ती के लिए विदेशी न्यायालयों या प्राधिकरणों से सहायता ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस संबंध में सभी अफसरों को निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसी भी अपराधी को बख्शा न जा सके।
डीजीपी ने दिए आदेश
जानकारी के मुताबिक, डीजीपी ने अपने आदेश में कहा है कि थानेदार वांछित अपराधियों के बारे में न्यायालय के आदेशों की प्रमाणित प्रतियां रखें। खासतौर पर जिन अपराधियों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है लेकिन उनकी गिरफ्तारी संभव नहीं हो रही या जो सजा के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हो रहे, उनकी जानकारी थाने के रजिस्टर में दर्ज कराएं। इनका विवरण राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (SCRB)में संरक्षित रहेगा।
इसके अलावा, अपराधियों की बैंक डिटेल, डिजिटल ट्रांजेक्शन, संपत्तियों, वाहनों और अन्य मूल्यवान वस्तुओं की जानकारी भी जुटाई जाएगी। इसके साथ-साथ अब से BNSS 2023 की धारा 107 के तहत, अपराध से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने के लिए जांच अधिकारियों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों से मंजूरी लेनी होगी।
ली जाए कोर्ट से इजाजत
डीजीपी ने साफ शब्दों में ये कहा है कि यदि अपराधी की संपत्ति विदेश में स्थित है तो संपत्ति की पहचान, कुर्की व जब्ती के लिए भारत के बाहर किसी न्यायालय/प्राधिकारी से सहायता मांगने की प्रक्रिया शुरू करें। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 की धारा 84, 85 व 86 में दिए गए प्रावधानों काे ठीक ढ़ंग से पढ़ लिया जाए और अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को भी उनकी जानकारी दी जाए, ताकी हर कोई इस नए कानून के बारे में जान सके। यदि कुर्की में कोई बाधा आती है, तो जांच अधिकारी धारा 107(5) के तहत एकपक्षीय आदेश पारित करवाने का अनुरोध कर सकता है।