उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने बीते कुछ वर्षों में जो उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, उनमें यूपी पुलिस की इमरजेंसी रिस्पॉन्स सेवा 112 (PRV-112) एक अहम उदाहरण बनकर उभरी है। इसी बीच अब यूपी सरकार के अधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट आया है, जिसमें ये बात सामने आई है कि योगी सरकार ने न केवल पुलिस व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त किया है, बल्कि “जनता को त्वरित सुरक्षा” देने की दिशा में ठोस सुधार भी किए हैं।
किया गया पोस्ट
एक्स पर पोस्ट किए गए वीडियो में मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि जब वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभाला था, उस समय पीआरवी-112 का औसत रिस्पॉन्स टाइम 25 से 30 मिनट तक होता था। यानी अगर कोई नागरिक आपातकालीन स्थिति में 112 नंबर पर कॉल करता, तो पुलिस को मौके पर पहुंचने में आधा घंटा तक लग जाता था। लेकिन आज, यह समय घटकर औसतन 7 से 8 मिनट पर आ गया है, जो किसी भी विकसित राज्य की पुलिस सेवा के मानकों के करीब माना जाता है।
ये सुधार सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर जमीनी स्तर पर आम नागरिकों की सुरक्षा और भरोसे में साफ देखा जा सकता है। तेज़ रिस्पॉन्स टाइम की वजह से छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, सड़क हादसे, चोरी जैसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई संभव हो सकी है। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी अब पुलिस तत्काल पहुंचकर जनता को सुरक्षा का एहसास कराती है।
इनको जाता है श्रेय
इसका श्रेय यूपी पुलिस के बेहतर प्रशिक्षण, GPS आधारित वाहनों की तैनाती, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की दक्षता और सरकार की सतत निगरानी को दिया जाना चाहिए। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि 112 सेवा अब उत्तर प्रदेश की सुरक्षा का भरोसेमंद नंबर बन चुका है।