मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के दौरान प्रयागराज के संगम तट पर हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई। महाकुंभ के दौरान काफी लोग अपनों से बिछड़ गए। इन बिछड़े हुए लोगों की एक ही उम्मीद होती है, कि किसी तरह से यूपी पुलिस के जवान उन्हें उनके परिवारवालों से मिला दें। इन्हीं खोए हुए लोगों के लिए सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान मसीहा बनकर सामने आए। आइए आपको बताते हैं कि ये पूरा मामला है क्या।
ये था मामला
जानकारी के मुताबिक, महाकुंभ में हर रोज लाखों लोग संगम स्नान को आ रहे हैं। ऐसे में यूपी पुलिस के कंधों पर ये बड़ी जिम्मेदारी है कि वो लोगों का ध्यान रखें और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाएं। इसी क्रम में हाल ही में महाकुंभ में तैनात एक दारोगा का देवदूत वाला रूप देखने को मिला। दरअसल, झांसी से 10 लोगों के साथ राजसू नाम की महिला कुंभ नहाने आई थी। भीड़ के बीच में वो अपने लोगों से भीड़ में बिछड़ गईं और भटकते-भटकते प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक पहुंच गईं। जब महिला ने पुलिस की मदद लेनी चाही तो पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि महिला के पास ना मोबाइल था ना अपने किसी भी जानकार का मोबाइल नंबर याद था।
ऐसे में रेलवे स्टेशन के बाहर ड्यूटी पर तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान ने उन्हें उनके परिवार से मिलाने की जिम्मेदारी ली। इस महिला ने ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान को सिर्फ शहर और गांव का नाम बताया। सब इंस्पेक्टर ने बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए एक App की मदद ली। एप में महिला के गांव प्रधान का नाम और कांटेक्ट नंबर दर्ज है। पहले मोहम्मद शमीम ने ग्राम प्रधान से कांटेक्ट किया और फिर प्रधान से परिवार का नंबर मिल गया, जिसके बाद वो महिला अपने परिवार से सम्पर्क कर पाई और बिछड़े हुए परिजनों से मिल गई।
लोगों ने की सराहना
सब-इंस्पेक्टर मोहम्मद शमीम खान की इस सेवा भावना को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और महिला ने उनकी जमकर सराहना की। उम्मीद है कि उनके जैसे समर्पित अधिकारी आगे भी इसी तरह लोगों की सेवा करते रहेंगे।