संभल जिले में सांप्रदायिक तनाव के मद्देनजर शांति बहाल करने के उद्देश्य से बुधवार को कोतवाली थाने में पीस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने अपने हालिया बयान को लेकर सफाई दी और स्पष्ट किया कि उनके शब्दों का उद्देश्य समाज में सौहार्द और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देना था।
दोनों समुदायों के लिए समान संदेश
सीओ अनुज चौधरी ने बैठक में कहा कि पुलिस का उद्देश्य हमेशा सभी समुदायों के बीच शांति बनाए रखना रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके बयान का मकसद किसी भी धर्म या वर्ग को ठेस पहुंचाना नहीं था, बल्कि यह सभी त्योहारों के प्रति समान आदर भाव को दर्शाने के लिए था।
उन्होंने कहा, “यदि आप ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं, तो होली की गुजिया भी खानी होगी।” उनका मानना है कि सभी त्योहारों का सम्मान किया जाना चाहिए और एक-दूसरे के उत्सवों में भागीदारी से ही सच्चा सौहार्द स्थापित हो सकता है।
होली पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया
होली से पहले दिए गए अपने बयान पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है, जबकि होली साल में केवल एक बार आती है। इसलिए यदि कोई व्यक्ति होली के रंगों से असहज महसूस करता है, तो वह उस दिन घर में रह सकता है। उन्होंने कहा कि यह बयान सांप्रदायिक भेदभाव फैलाने के लिए नहीं, बल्कि सभी को परस्पर सम्मान देने के लिए था।
संभल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर पुलिस कार्रवाई पर उठे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सभी गिरफ्तारियां सबूतों के आधार पर की जा रही हैं और इस मामले का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने अपील की कि सभी लोग आपसी सौहार्द बनाए रखें और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि से बचें।