उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में हाल ही में भर्ती हुईं महिला सिपाहियों की कानपुर में शुरू हुई ट्रेनिंग के पहले ही दिन अव्यवस्थाओं की तस्वीर सामने आ गई। गुरुवार को पुलिस लाइन पहुंचीं सैकड़ों महिला कॉन्स्टेबलों को नाले के किनारे और फुटपाथ पर बैठकर खाना खाते देखा गया, जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन तस्वीरों ने पुलिस विभाग की मूलभूत तैयारियों की पोल खोल दी है। हालांकि अब पुलिस कमिश्नर की तरफ से जवाब भी दिया गया।
ये है मामला
जानकारी के अनुसार, कानपुर में नियुक्त 2,000 नवचयनित सिपाहियों में से लगभग 380 महिलाएं पुलिस लाइन में गुरुवार को रिपोर्ट करने पहुंचीं। लेकिन यहां ना तो बैठने की समुचित व्यवस्था थी, और ना ही भोजन के लिए कोई निर्धारित स्थल।
परिणामस्वरूप महिलाओं को खुले में, नाले के किनारे बैठकर भोजन करना पड़ा। खाना एक बैंक द्वारा बांटा गया, जो खाते खोलने के उद्देश्य से कैंप करने पहुंचा था, लेकिन वितरण के समय किसी प्रकार की व्यवस्था या निगरानी नहीं थी।
पुलिस लाइन में करीब 700 सिपाही रुके हुए हैं, लेकिन यहां मात्र 4 शौचालय उपलब्ध हैं, जिससे महिला कॉन्स्टेबलों को विशेष रूप से असुविधा हो रही है। आवासीय इंतजाम भी अपर्याप्त हैं। कुछ महिलाओं को मजबूरी में ट्रैफिक लाइन, बिठूर स्थित अग्निशमन भवन और आईटीबीपी कैंप में ठहराया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा ये
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के स्टाफ अफसर राजेश पांडेय ने स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा कि पहले दिन कुछ अव्यवस्थाएं रहीं, लेकिन अब उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरों ने आम जनता के बीच पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और नवभर्ती व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
https://x.com/kanpurnagarpol/status/1935967528632656163?t=YL_WyFRguVuuC0F3Y1gvCg&s=19
आपको बता दें कि यह प्रशिक्षण JTC यानी जॉइनिंग ट्रेनिंग कैंप के अंतर्गत प्रारंभिक चरण का हिस्सा है, जो एक महीने तक चलेगा। इसके बाद कॉन्स्टेबलों को RTC यानी रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर में भेजा जाएगा, जहां उनकी औपचारिक ट्रेनिंग होगी। लेकिन पहले ही दिन जिस तरह की दुर्व्यवस्था सामने आई है, उसने भविष्य के लिए चिंता बढ़ा दी है।