कानपुर पुलिस कमिश्नरेट एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला पश्चिमी जोन के ककवन थाने से जुड़ा है, जहां थाना प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता पर उनके ही अधीनस्थ पुलिसकर्मियों ने भ्रष्टाचार और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप लगाने वालों में पश्चिम जोन के ककवन थाने में तैनात दरोगा उदयपाल पांडेय, अक्षय गौड़, वरुण कुमार, धीरेंद्र यादव, प्रवीन राव, हेड कां (डाक मुंशी) अल्का, महिला कां पूजा चौधरी शामिल हैं।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, एक शिकायत पत्र में पुलिसकर्मियों ने लिखा कि थाना प्रभारी खुलेआम कहते हैं—“कैसे भी पैसे लाओ, चाहे उगाही करो या लूट। क्षेत्र की जनता इनसे बहुत त्रस्त है। बिना पैसे लिए कोई काम ही नहीं करते हैं। साहब जनता को छोड़ दीजिए विभाग भी बहुत त्रस्त है। साहब का कहना है, कि क्षेत्र में जाओ लूट करो चाहे उगाही करो मुझे पैसा चाहिए। अगर पैसा नहीं दोगे तो हम अधिकारियों से शिकायत करके तुम लोगाें पर कार्रवाई करा देेंगे। ये भी आरोप लगाया कि जब साहब को पैसा नहीं मिलता है, तो गाली गलौज करते हैं।”
18 मार्च को पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को शिकायत सौंपी गई थी, जिसके बाद जांच की जिम्मेदारी एडीसीपी पश्चिम विजयेन्द्र द्विवेदी को सौंपी गई। हालांकि, तय समयसीमा बीत जाने के बावजूद अब तक जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई है।
थाना प्रभारी ने दी सफाई
जानकारी के अनुसार, जनवरी 2025 में धर्मेंद्र गुप्ता की ककवन थाने में तैनाती हुई थी। इसके बाद से ही उन पर लगातार पुलिसकर्मियों से अवैध पैसे मांगने और मनमानी करने के आरोप लगते रहे हैं। फिलहाल थाना प्रभारी ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और खुद पर निष्पक्ष जांच की मांग की है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट और पुलिस कमिश्नर के फैसले पर टिकी हैं।