आपका बच्चा भी कर सकता है डिजिटल अपराध! Agra Police Commissioner ने जारी किया अभिभावकों के लिए जरूरी अलर्ट

Share This

आज की दुनिया में सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारी सोच, व्यवहार और समाज के स्वरूप को आकार देने वाला एक शक्तिशाली प्लेटफॉर्म बन चुका है। लेकिन जब यह प्लेटफॉर्म असामाजिक तत्वों, अफवाहों और आपत्तिजनक कंटेंट का अड्डा बन जाए, तो उसका असर समाज और विशेष रूप से युवाओं के भविष्य पर सीधा पड़ता है। इसी के चलते हाल ही में आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने सोशल मीडिया पर बढ़ती गैर-जिम्मेदार गतिविधियों को लेकर एक सख्त और ज़रूरी संदेश जारी किया है।

संदेश में लिखा ये

उन्होंने अपने संदेश में लिखा है कि “महापुरुषों, धर्म, जाति या समुदाय से जुड़े आपत्तिजनक AI जनरेटेड या एडिटेड वीडियो और फोटो पोस्ट करना कानूनन अपराध है। हम ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करते हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि इन मामलों में लिप्त अधिकांश यूज़र युवा या 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं।”

AI कंटेंट और डिजिटल अपराध

आज के AI टूल्स से फोटो-वीडियो मॉर्फिंग या नकली कंटेंट बनाना बेहद आसान हो गया है। यह दिखने में मज़ेदार या चालाकी लग सकता है, लेकिन जब इसका इस्तेमाल धार्मिक या जातीय तनाव बढ़ाने में हो, तो यह गंभीर अपराध बन जाता है।

Capture 4

ये हैं डिजिटल अपराधों के परिणाम:

* पुलिस केस और जेल
* आधार से जुड़े अपराध रिकॉर्ड
* सरकारी नौकरी में अयोग्यता
* पासपोर्ट, वीज़ा प्रक्रिया में दिक्कत
* स्कूल/कॉलेज से निष्कासन

अभिभावकों के लिए अलर्ट

कमिश्नर ने खासतौर पर अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को डिजिटल ज़िम्मेदारी के बारे में समझाएं। “बच्चों को समझाएं कि सोशल मीडिया पर कोई भी भावनात्मक, साम्प्रदायिक या जातिगत टिप्पणी, पोस्ट या वीडियो न डालें। ये सिर्फ ‘फॉरवर्ड’ नहीं, बल्कि भविष्य की बाधा बन सकते हैं।”

जागरूक रहें, डिजिटल सेफ रहें:

  • बच्चों के सोशल मीडिया व्यवहार पर नज़र रखें
  • डिजिटल एथिक्स की शिक्षा दें
  • अफवाह, नफरत या भड़काऊ पोस्ट को न फैलाएं
  • किसी गलत कंटेंट को तुरंत रिपोर्ट करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *