उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक व्यक्ति के पास पुलिस की डीपी लगे हुए वाट्सऐप नंबर से कॉल आया और उसने बताया कि आपका बेटा रेप केस में फंस गया है. जल्दी पैसों की व्यवस्था कर मेरे बताए खाते में भेज दीजिए, अन्यथा उसका जीवन बर्बाद हो जाएगा. बेटे को बचाने के लिए पिता ने दो अलग-अलग खातों में 470000 रुपये भेज दिए. लेकिन जब बाद में नंबर बंद आने लगा तो ठगी का एहसास हुआ. पीड़ित ने अब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आईटी एक्ट व जालसाजी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.
इंस्पेक्टर बोल रहा हूं और फिर
गोरखपुर में तिवारीपुर थाना क्षेत्र के रामलीला मैदान निवासी अशोक श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि मेरे मोबाइल नंबर पर दिन में अचानक पुलिस की डीपी लगे हुए व्हाट्सएप नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि मैं इंस्पेक्टर बोल रहा हूं. दुष्कर्म के मामले में चार लड़कों की गिरफ्तारी हुई है. उसमें आपका बेटा भी शामिल है. मैं जानता हूं कि आपका बेटा दोषी नहीं है, चूंकि बाकी लड़कों के साथ वह भी था, इसलिए उसकी भी गिरफ्तारी हो गई है. आप अपने बेटे को छुड़ाना चाहते हैं तो पांच लाख रुपए मेरे बताएं अकाउंट में तत्काल भेज दीजिए और किसी से इसका जिक्र भी मत करिएगा. क्योंकि और लोगों के मामले कि जानकारी और पैसा आने में विलंब होने पर मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा.
दो खातों में पैसे ट्रांसफर किए
अशोक श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि इसके बाद उस व्यक्ति ने मुझे दो बैंक एकाउंट का नंबर दिया. मैंने जैसे-तैसे दोनों खातों में कुल 4 लाख 70000 रुपए भेज दिए. पीड़ित ने बताया घबराहट में बेटे से बात भी नहीं हो पा रही थी. कारण, उसका नंबर भी नहीं लग रहा था. पीड़ित ने बताया कि मेरा पुत्र गीडा स्थिति एक निजी विद्यालय में अध्यापक है. दोपहर बाद जब उससे बात हुई तो पता चला कि वह विद्यालय में ही है. इसके बाद मुझे ठगी का एहसास हुआ. जिस नम्बर से फोन आया था वह बंद हो चुका था. ऐसे में पीड़ित की तहरीर पुलिस ने अज्ञात जालसाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
व्हाट्सऐप पर पुलिस की डीपी
गोरखपुर जनपद के बडहलगंज थाना क्षेत्र निवासी सुरेश तिवारी के मोबाइल पर भी कुछ दिन पहले पुलिस की डीपी लगे व्हाट्सऐप नंबर से इसी तरह का फोन आया था. फोन करने वाले ने बताया कि आपका बेटा लूट की घटना में पकड़ा गया है. बहुत मार खाया है. लीजिए उससे बात कर लीजिए. उस व्यक्ति ने एक युवक को जैसे ही फोन दिया उसने चिल्ला – चिल्लाकर रोने लगा और कहां पापा पुलिस वाले बहुत मारे हैं. हमें किसी तरह से बचा लीजिए और पैसा भेज दीजिए. यहां सुरेश तिवारी ने फोन कटने के बाद तत्काल अपने बेटे को फोन मिलाया तो उसने बताया कि मैं गोरखपुर शहर आया हूं. शाम तक वापस आ जाऊंगा। पिता के पूछने पर कि क्या कोई दिक्कत हुई है, तो उसने कहा कुछ नहीं. मैं अपने काम से आया हूं. काम करके वापस आऊंगा. यहां पर सुरेश अपनी सतर्कता से ठगी का शिकार होने से बच गए.
साइबर अपराधी इसी तरह से डरा कर
एसएसपी गौरव ग्रोवर ने इस संबंध में बताया कि किसी के भी मोबाइल नम्बर पर पुलिस की डीपी लगे व्हाट्सएप कॉल आए तो आप सतर्क हो जाएं. यदि सामने वाला यह कहता है कि आपका भाई, बेटा, रिश्तेदार, मित्र कोई भी पकड़ा गया है, तो आप तत्काल इसकी जानकारी पास के थाने या पुलिस चौकी पर दें। साइबर अपराधी इसी तरह से डरा कर पैसा मांगते हैं। वैसे इन मामलों में दर्ज मुकदमों की जांच चल रही है. शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी.