गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविन्द्र गौड़ एक बार फिर अपनी संवेदनशील और जनमुखी सोच के चलते चर्चा में हैं। उनकी एक नई पहल के तहत अब जिले के सभी थानों और एसीपी कार्यालयों में आने वाले नागरिकों को चाय-पानी और जलपान की व्यवस्था मिलेगी। यह कदम थानों में मानवीय व्यवहार को प्रोत्साहित करने की दिशा में लिया गया है।
खोले गए खाते
पुलिस की इस नई व्यवस्था के लिए सभी थानों और एसीपी कार्यालयों के नाम पर बैंक खाते खोले गए हैं। इन खातों में पुलिस लाइन से प्रतिमाह 5 से 6 हजार रुपये भेजे जाएंगे, जिससे जलपान की सुविधा का खर्च उठाया जाएगा। अब तक यह खर्च अधिकतर थानेदार या स्टाफ खुद वहन करते थे, लेकिन नई व्यवस्था से उनकी जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा।
इस कदम के पीछे मंशा केवल मेहमाननवाज़ी नहीं, बल्कि थानों को जनता के लिए सहज, स्वागतपूर्ण और मित्रवत वातावरण में बदलने की है। फरियादी को जब थाने में पानी पूछे बिना नहीं मिलता था, तब वह पहले ही असहज हो जाता था। इस बदलाव के जरिए पुलिस अपनी छवि को सुधारने के साथ-साथ लोगों का भरोसा भी जीतना चाहती है।
पहले दिए थे ये निर्देश
इससे पहले भी पुलिस कमिश्नर ने अपने स्टाफ को निर्देश दिए थे कि फरियादियों से बात करते हुए सम्मानजनक भाषा का प्रयोग किया जाए – ‘तू’ या ‘तुम’ नहीं, बल्कि ‘आप’ कहा जाए। ऐसे कदम पुलिसिंग में बदलाव की बयार को दिखाते हैं, जो तकनीक के साथ-साथ अब संवेदना को भी अहम मान रही है।