उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में आज फिर हम आपको उस अफसर के बारे में बताएंगे, जिसने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को नई दिशा दी और कुख्यात अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर प्रदेश में पुलिस की कार्यप्रणाली को मज़बूती दी।
कैसा रहा कार्यकाल
प्रशांत कुमार 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक डीजीपी के रूप में कार्यरत हैं। मूल रूप से बिहार के सीवान जिले से ताल्लुक रखने वाले प्रशांत कुमार को तेज-तर्रार, अनुशासित और निर्भीक पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उन्हें यूपी पुलिस में ‘सिंघम’ के नाम से भी पहचाना जाता है।
उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है, जिसमें मेरठ जोन के एडीजी और स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रमुख रूप से शामिल हैं। पिछले साल 26 जनवरी को उन्हें बहादुरी के लिए गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था और यह चौथी बार है जब उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस ने न सिर्फ संगठित अपराध पर लगाम कसी, बल्कि कई बड़े गैंगस्टरों और इनामी अपराधियों का भी अंत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उन्हें पांच लाख रुपये के इनामी अपराधी उदयभान यादव को मुठभेड़ में मार गिराने पर तीन लाख रुपये का नकद इनाम भी दिया गया। अब तक उन्हें कुल 109 प्रशस्ति पत्र और तीन नकद पुरस्कार मिल चुके हैं।
इसी महीने होने वाले हैं रिटायर
मई 2025 में प्रशांत कुमार सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन उनके कार्यकाल की छाप उत्तर प्रदेश पुलिस और आम जनमानस पर लंबे समय तक बनी रहेगी। उनका समर्पण, ईमानदारी और जनहित में लिया गया हर निर्णय आने वाली पीढ़ी के पुलिस अधिकारियों के लिए प्रेरणा रहेगा।
जन्मदिन के इस खास मौके पर प्रदेशभर से पुलिसकर्मियों से लेकर अधिकारी और आम नागरिक ने उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस को जिस सख्त और संवेदनशील नेतृत्व की जरूरत थी, वह प्रशांत कुमार के रूप में मिला।